10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

ईरानी पेट्रोलियम मंत्री जांगनेह: कच्चे तेल के बाजार में डोनाल्ड ट्रंप की हस्तक्षेपी टिप्पणी गलत

ओपेक पर डोनाल्ड ट्रंप की हस्तक्षेपी टिप्पणी करने को ईरानी पेट्रोलियम मंत्री बिजान नामदार जांगनेह ने गलत बताया है।

2 min read
Google source verification
Iranian Petroleum Minister

ईरानी पेट्रोलियम मंत्री जांगनेह: कच्चे तेल के बाजार में डोनाल्ड ट्रंप की हस्तक्षेपी टिप्पणी गलत

तेहरान। ईरान के पेट्रोलियम मंत्री ने अमरीका के राषट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर अपमानजक और हस्तेक्षेपी टिप्पणी करने का आरोप लगाया है। बिजान नामदार जांगनेह ने कहा कि ट्रंप ने हाल ही में पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) को लेकर अपमानजक बातें की थीं।

यह भी पढ़ें-परमाणु समझौता: बोले ईरानी विदेश मंत्री जावेद, वियना में हुई बैठक रचनात्मक

तेल के बाजार में राजनीतिक हस्तक्षेप गलत

ईरानी पेट्रोलियम मंत्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कच्चे तेल के बाजार में राजनीतिक हस्तक्षेप होना गलत है। ऐसा नहीं होना चाहिए और आपूर्ति और मांग के अनुरूप तेल की कीमतें निर्धारित की जानी चाहिए।जांगनेह ने कहा कि कुछ राजनीतिक कदम और अस्थिरताओं से तेल बाजार पर असर पड़ा है, जिससे तेल की कीमतें बढ़ी हैं।

गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप ने 30 जून को सऊदी अरब से तेल का उत्पादन बढ़ाकर प्रतिदिन 20 लाख बैरल करने को कहा था। वहीं, जांगनेह ने कहा कि अमरीकी राष्ट्रपति का यह आदेश इन देशों के लोगों के लिए बहुत ही अपमानजनक है। इससे देशों की संप्रभुता पर असर पड़ेगा और तेल बाजार अस्थिर होगा।

यह भी पढ़ें-जम्मू-कश्मीर: असिया अंद्राबी को दिल्ली ले जाने के विरोध में अलगाववादियों का बंद, जनजीवन प्रभावित

अमरीका ने छोड़ी सदस्यता

बता दें कि कुछ दिनों से ईरान और अमरीका के बीच रिश्ते ठीक नहीं चल रहे हैं। ईरान परमाणु समझौते से अमरीका ने अपने हाथ खींच लिए हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस करार को गलत बताते हुए इसी साल मई में इसकी सदस्यता छोड़ दी थी। अमरीका का कहना था कि इस समझौते से आतंक को बढ़ावा मिल रहा है। वहीं, समझौते से बाहर होने की बात कहने पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल और ब्रिटेन के विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन ने ट्रंप पर इस समझौते से जुड़े रहने का दबाव बनाया था। लेकिन उन्होंने इसे नहीं माना।