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वैक्सीन का बहिष्कार : एकजुट हुआ गांव, बोला- ‘जब तक पानी नहीं तब तक वैक्सीन नहीं’

जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूर बसे गांव के लोगों ने पानी (water) नहीं मिलने के कारण किया कोरोना वैक्सीन का बहिष्कार..

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गुना. मध्यप्रदेश (madhya pradesh) के ग्रामीण इलाकों में ग्रामीणों में कोरोना वैक्सीन (corona vaccine) को लेकर फैले भ्रम की कई खबरें आपनी देखी और सुनी होंगी। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं जहां के लोगों ने अपने गांव की एक बड़ी समस्या के कारण कोरोना वैक्सीनेशन (vaccination) कराने से इंकार कर दिया है। और ये कहा जाए कि गांववालों ने कोरोना वैक्सीन का बहिष्कार (boycott) किया है तो ये गलत नहीं होगा। मामला गुना (guna) जिले का है जहां जिला मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर बसे विसोनिया गांव के लोगों ने कोरोना वैक्सीन का बहिष्कार करने का ऐलान किया है।

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'जब तक पानी नहीं तब तक वैक्सीन नहीं'
विसोनिया गांव की आबादी करीब 1 हजार है और यहां के लोगों के वैक्लेसीन न लगवाने की वजह कोई डर या भ्रम नहीं बल्कि गांव में पानी की समस्या है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक गांव को पानी नहीं मिल जाता वो कोरोना वैक्सीन का बहिष्कार करेंगे। ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें रोजाना पीने के पानी के लिए भटकना पड़ता है। 2 किलोमीटर दूर से पानी भरकर वो अपनी प्यास बुझा पाते हैं लेकिन न तो जिम्मेदारों और न ही जनप्रतिनिधियों को उनकी समस्या नजर आती है। विसोनिया गांव में 3 हैंडपंप हैं जिनमें से 2 खराब हो चुके हैं और उनका पानी पूरी तरह से सूख चुका है। एक जो हैंडपंप बचा है उसमें भी काफी देर बाद पानी आता है। और कुछ देर पानी निकालने के बाद एक-दो घंटे के लिए हैंडपंप को छोड़ना पड़ता है तब कहीं जाकर उससे पीने लायक पानी निकलता है।

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ट्यूबबेल है पर खराब, कुएं से भरकर लाते हैं पानी
ग्रामीणों के मुताबिक गांव में सरकारी एक ट्यूबबेल भी था जिसमें 450 फीट पर मोटर डली हुई थी लेकिन उसका भी वाटर लेवल गिर गया है। महीनों से मोटर खराब पड़ी हुई है लेकिन बार-बार समस्या बताए जाने के बाद भी न तो सरपंच सुन रहा है और न ही सचिव। हालात ये हैं कि गांव से दो किलोमीटर दूर स्थित एक कुएं से पीने का पानी बमुश्किल भरकर लाना पड़ता है। इसलिए ग्रामीणों ने फैसला किया है कि जब तक गांव में पानी नहीं आ जाता तब तक गांव के लोग वैक्सीन नहीं लगवाएंगे।

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