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Merry Christmas – बच्चों के बीच पहुंच कर उपहार बांट रहे सांता क्लॉज

एक दूसरे को क्रिसमस की बधाईयां देने का क्रम शुरू हुआ, हालांकि कोरोना के बीच इस साल भी क्रिसमस की धूम फीकी रही, लेकिन सोशल मीडिया के माध्यम से लोग एक दूसरे को बधाईयां देने में किसी प्रकार की कमी रखते नहीं नजर आए, वहीं छोटे बच्चों में क्रिसमस का काफी उत्साह देखा गया.

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Merry Christmas - बच्चों के बीच पहुंच कर उपहार बांट रहे सांता क्लॉज

Merry Christmas - बच्चों के बीच पहुंच कर उपहार बांट रहे सांता क्लॉज

गुना. मध्यप्रदेश में शनिवार को क्रिसमस पर्व मनाया गया, इस अवसर पर क्रिश्चन समाजजनों ने चर्च में पहुंचकर आराधना की, इसके बाद एक दूसरे को क्रिसमस की बधाईयां देने का क्रम शुरू हुआ, हालांकि कोरोना के बीच इस साल भी क्रिसमस की धूम फीकी रही, लेकिन सोशल मीडिया के माध्यम से लोग एक दूसरे को बधाईयां देने में किसी प्रकार की कमी रखते नहीं नजर आए, वहीं छोटे बच्चों में क्रिसमस का काफी उत्साह देखा गया, उनकी खुशियां उस समय दोगुनी होगई, जब उनके बीच आकर्षक वेषभूषा में सांता क्लॉज ने पहुंचकर उन्हें उपहार दिए।

शहर के एक निजी स्कूल में शुक्रवार को मैरी क्रिसमस 2021 कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें छात्र-छात्राओं ने स्कूल में क्रिसमस ट्री की सजावट की, कागज के स्टार, ग्रीटिंग कार्ड बनाएं और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम के आरंभ में शिक्षिका प्रियल जैन एवं सना खान ने उपस्थित अतिथियों को स्वागत उद्बोधन दिया। कक्षा ३, 4, 5 की छात्राओं ने जिंगल बेल जिंगल बेल गीत पर नृत्य की प्रस्तुति दी। इस दौरान सांता क्लॉज ने बच्चों को टॉफियां एवं केक वितरित किया।

हर साल 25 दिसंबर को प्रभु ईसा मसीह के जन्म की खुशी में क्रिसमस मनाया जाता है, इस दिन को बड़ा दिन भी कहते हैं, इस दिन चर्च को आकर्षक रूप से सजाते हुए ईसा मसीह की आराधना भी की जाती है, वर्तमान में बच्चों से लेकर बड़े तक सभी इस पर्व को धूमधाम से मनाते हैं, सोशल मीडिया पर भी लोग एक दूसरे को आकर्षक ढंग से बधाईयां देते नजर आते हैं।

जानकारी के अनुसार ईसा मसीह या यीशु के जन्म की खुशियां मनाने के लिए क्रिसमस मनाया जाता है, क्रिश्चन समाजजन इसे बड़े पर्व के रूप में कई दिनों तक मनाते हैं, इस दौरान चर्च में भी कई दिनों तक विभिन्न प्रकार के आयोजन किए जाते हैं। इस प्रकार ईसा मसीह के जन्म के उपलक्ष्य में मनाई जानी वाले खुशियों के दिन को क्रिसमस नाम दिया गया, इस दिन क्रिश्चन समाजजन चर्च में ईसा मसीह की आराधना कर उनके बताए मार्ग पर चलने की प्रार्थना करते हुए एक दूसरे को क्रिसमस की बधाईयां देते हैं।

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जानकारी के अनुसार यीशु मसीह के जन्म की कोई वास्तविक जन्म तिथि ज्ञात नहीं हैं। लेकिन क्रिश्चन समाज 25 दिसंबर को ही ईसा मसीह के जन्म दिवस के रूप में मनाता है, वर्तमान दौर में इसदिन को क्रिसमस का नाम दे दिया गया है। इस दिन एक दूसरे को उपहार देने के साथ ही आकर्षक साज सज्जा कर ईसा मसीह की आराधना की जाती है। देशभर के चर्चों में इस दिन सुबह से ही लोग एकत्रित होकर पहले आराधना करते हैं, इसके बाद एक दूसरे को क्रिसमस की बधाई देते हैं। इसदिन बच्चे भी आकर्षक वेषभूषा में नजर आते हैं, विभिन्न प्रकार की झांकियां बनाई जाती है, आजकल सांता क्लॉज का भी बड़ा क्रेज हो गया है।

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इसलिए कहा जाता है बड़ा दिन
कई किताबों में इस बात का जिक्र है कि 25 दिसंबर को रोम के लोग रोमन उत्सव के रूप में सेलिब्रेट करते थे। इस दिन लोग एक दूसरे को काफी उपहार देते थे। एक दूसरे के साथ खुशियां बांटते थे। इसलिए धीरे-धीरे ये उत्सव काफी बड़ा हो गया और इसकी भव्यता को देखते हुए इस दिन को लोग 'बड़ा दिनÓ कहने लगे, तभी से इसे क्रिसमस या बड़ा दिन कहा जाता है।