script500 करोड़ के घरों में रहने वाला कोई नहीं, पानी की तरह बहाया सरकार ने पैसा | 500 crore money spend on government houses | Patrika News

500 करोड़ के घरों में रहने वाला कोई नहीं, पानी की तरह बहाया सरकार ने पैसा

locationग्वालियरPublished: Dec 04, 2017 10:05:27 am

Submitted by:

Gaurav Sen

देश की राजधानी सहित शहर से जनसंख्या दबाव को कम करने के लिए शुरू किया गया विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण का काम अभी तक पूरा नहीं हो सका है।

विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण

धर्मेन्द्र त्रिवेदी @ ग्वालियर

देश की राजधानी सहित शहर से जनसंख्या दबाव को कम करने के लिए शुरू किया गया विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण का काम अभी तक पूरा नहीं हो सका है। बीते 25 साल में बिना प्लानिंग के लगभग 500 करोड़ रुपए सीवर, सड़क, बिजली और पानी की लाइनों पर खर्च किए जा चुके हैं। 364 आवास और 850 प्लॉट पर 88 करोड़ रुपए की राशि खर्च हुई है। इसके बाद भी न तो शहर का कोई परिवार यहां रहने को तैयार हुआ है और न ही किसी सरकारी कार्यालय ने साडा का रुख किया है। लालच और राजनीति के हावी होने के कारण आमजन में क्षेत्र के प्रति असुरक्षा का माहौल बना है और प्रबंधन लोगों को यहां बेहतर बसाहट देने का विश्वास नहीं दिला सका है।

 

” 25 साल की प्लानिंग और अभी तक किसी रहवासी को नहीं दिला सके विश्वास”

 

1. योजना: सौजना हाउसिंग प्रोजेक्ट
योजना पर काम शुरू करने के लिए 16 नवंबर 2011 को आदेश जारी किया गया था।
31 दिसंबर 2015 को काम पूरा होना था।
45.17 करोड़ रुपए की लागत थी।
236 आवास तैयार हुए हैं।
स्थिति: 90 फीसदी काम पूरा होने के बाद अब आवासों की स्थिति खराब हो रही है। लगातार समय मांगा जा रहा है।
आवास के लिए कागजों में तो आवंटन हो गया है, लेकिन प्रत्येक मकान पर ताला डला हुआ है।

 

यह भी पढ़ें

भिण्ड जनपद अध्यक्ष खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव बहुमत से हो गया पारित



 

2.योजना: एलआईजी और ईडब्लयूएस
योजना का आदेश : 28 अगस्त 2012 को जारी किया गया था।
128 भवनों का निर्माण किया जाना था।
10 करोड़ रुपए योजना की लागत थी।


स्थिति: भवनों का निर्माण पूरा हो चुका है। 9.50 करोड़ खर्च हो चुके हैं। सीवर, पानी लाइनों की सुविधा पूरी तरह से नहीं मिल पाई है।
आवास के लिए कागजों में तो आवंटन हो गया है, लेकिन प्रत्येक मकान पर ताला डला हुआ है।

3. योजना: बरा आवासीय योजना
30 जून 2014 को काम शुरू करने के लिए आदेश जारी किया गया था।
31 मार्च 2016 तक काम पूरा होना था।
8.05 करोड़ रुपए योजना लागत है।
250 फ्री होल्ड प्लॉट विकसित किए जाने थे।


स्थिति: योजना के काम पर 1 करोड़ 50 लाख रुपए से अधिक खर्च किए जा चुके हैं। प्रशासन अभी तक पूरे अतिक्रमण नहीं हटा सका है।

4. योजना: ईडब्ल्यूएस भवन निर्माण
22 दिसंबर 2014 को काम के लिए आदेश जारी किया गया था।
22 जून 2016 को काम पूरा होना था।
13 करोड़ 84 लाख रुपए लागत
गरीबों के लिए 288 भवन निर्माण किए जाने हैं।


स्थिति: स्थल पर जमीन के सीमांकन को लेकर लगातार विवाद होता रहा है। अभी तक लगभग 2 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं।

 

5.योजना: नीलकमल आवासीय योजना
25 सितंबर 2013 को आदेश जारी किया गया था।
15 दिसंबर 2015 तक काम पूरा होना था।
10.16 करोड़ रुपए की लागत है।
600 फ्री होल्ड प्लॉट विकसित किए जाने थे।


स्थिति: कुल लागत में से 6 करोड़ 75 लाख रुपए खर्च कर दिया गया है। इसके बाद भी प्लॉट नजर नहीं आ रहे हैं।

 

यह चाहिए जो अब तक नहीं हुआ
सुरक्षा : विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण में लगभग ५ किलोमीटर की परिधि में सड़कें हैं। इन सभी सड़कों के आसपास रहवासी और कमर्शियल प्लॉट निर्धारित हैं। साथ ही जहां मकान बनाए गए हैं वहां सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है। दिन में भी इस क्षेत्र में अकेले जाना सुरक्षित नहीं है। महिलाओं के लिए यह पूरा क्षेत्र अकेले जाने लायक नहीं है। यहां अभी तक पुलिस चौकी शुरू नहीं हो सकी है।

यातायात : रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डा, बस स्टैंड, महाराज बाड़ा, मुरार आदि जगहों से साडा की दूरी ५ से लेकर १६ किलोमीटर तक है। नए शहर में रहने के इच्छुक अगर मकान बना भी लें, तो शहर से किसी भी तरह के सिटी ट्रांसपोर्ट की सुविधा अभी तक विकसित नहीं हो सकी है। इससे लोगों के सामने आने-जाने को लेकर संकट है।

सुविधाएं: इस क्षेत्र में मकान लेने पर अगर किसी को बच्चे के लिए एक स्तरीय टॉफी की भी जरूरत हो तो उसे ५ किलोमीटर दूर जाना पड़ेगा। अगर कोई यहां बसना भी चाहे तो गुणवत्ताविहीन सीवर और पानी की लाइन के कारण पहले ही दिन से परेशानियां सामने आने लगेंगीं।

स्वास्थ्य : साडा एरिया में सरकारी डिस्पेंसरी शुरू करने का प्लान था, लेकिन यह योजना अब तक अमल में नहीं आ पाई है। इस क्षेत्र में बसे ग्रामीणों को सामान्य इलाज के लिए पुरानी छावनी, बहोड़ापुर आना पड़ता है।

जल्द बेहतर रिजल्ट
आवासीय क्षेत्र को विकसित करने के लिए हम हर संभव कोशिश कर रहे हैं, आवासीय भवनों को आवंटित करने का सिलसिला जारी है। साथ ही इन्फ्रास्ट्रक्चर, सुरक्षित माहौल और बेहतर पर्यावरण देने की दिशा में भी काम किया जा रहा है जो काम छूट गए हैं, उनके लिए हम फंड की व्यवस्था कर रहे हैं, जल्द बेहतर रिजल्ट सामने आएंगे।
राकेश जादौन, अध्यक्ष-विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण

ट्रेंडिंग वीडियो