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अधिकारियों की बैठक में बोले प्रशासक, बजट नहीं है तो फिजूलखर्ची बंद करो

प्रशासक एमबी ओझा ने निगम अधिकारियों से कहा कि, आय व्यय का जो लेखा जोखा है उसके सभी आंकड़े प्रस्तुत करें, जिससे निगम की स्थिति का पता लगाया जा सके।

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अधिकारियों की बैठक में बोले प्रशासक, बजट नहीं है तो फिजूलखर्ची बंद करो

ग्वालियर/ नगर निगम में अगर विभिन्न मदों में बजट नहीं है तो स्थापना व्यय बजट को कम करो। इस बात का ध्यान रखा जाए कि, किसी भी तरह की फिजूलखर्ची न हो। साथ ही, आय व्यय का जो लेखा जोखा है उसके सभी आंकड़े प्रस्तुत करें, जिससे निगम की स्थिति का पता लगाया जा सके। ये निर्देश शुक्रवार को प्रशासक एमबी ओझा ने निगम अधिकारियों को दिए। ये बात उन्होंने निगम मुख्यालय में बजट को लेकर समीक्षा के दौरान कही।

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बैठक में निगम अधिकारी विभिन्न मदों की जानकारी दे रहे थे, लेकिन आंकड़े सही ढंग से नहीं भरे थे। इस पर प्रशासक ने कहा कि, पहले सभी आंकड़े ठीक ढंग से भरे जाएं और पूरी तैयारी की जाए। एक सप्ताह बाद बैठक होगी, उसमें सभी मदों पर अलग से चर्चा की जाएगी। इसके साथ ही, उन्होंने सभी अधिकारियों से कहा कि, निगम का मूल कार्य सड़क, सफाई और पेजयल व्यवस्था करना है इससे संबंधित सभी समस्याओं का तुरंत निराकरण किया जाए। बैठक में अपर आयुक्त आरके श्रीवास्त, दिनेशचंद्र शुक्ला, प्रेम पचौरी आदि उपस्थित थे।

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इंदौर की तकनीक शहर में हो लागू

प्रशासक ने बैठक में पूछा कि स्वर्ण रेखा में जो 84 नालों का गंदा पानी आ रहा है इसे रोकने के क्या उपाए किए गए हैं। इस स्मार्ट सिटी सीईओ ने बताया कि इसको लेकर प्रोजेक्ट बनाया है और सर्वे कार्य शुरू होना है। प्रशासक ने कहा कि, इंदौर में जिस तरह से शिप्रा में गंदा पानी रोकने के लिए छोटे छोटे ट्रीटमेंट प्लांट बनाए गए हैं अधिकारी उसे जाकर देखें। वहां किस तकनीक का इस्तेमाल किया गया है उसे ही शहर में भी लागू करें, जिससे कि ट्रीटमेंट वाला पानी स्वर्ण रेखा में बहे।

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बैठक में अमृत को लेकर प्रशासक ने फिर से नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि, ये देखने में आ रहा है कि हर जगह सड़क खोद दी गई है अब ऐसे नहीं चलेगा। पहले 100 मीटर सड़क खोदें और उसे पूरा करने के बाद रेस्टोरेशन करें उसके बाद भी आगे कार्य करने के लिए सड़क खोदी जाए।

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प्रशासक ने इस बात को लेकर भी चर्चा की कि, टेंडर से 30 से 40 प्रतिशत कम राशि पर सीसी रोड के कार्य स्वीकृत हो रहे हैं। ये सही नहीं है शासन के भी निर्देश हैं कि सीएसआर की दर से 10 प्रतिशत अधिक या कम पर ही कार्य स्वीकृत किए जा सकते हैं। उन्होंने सभी को निर्देश दिए कि, इस तरह के कार्यों को लेकर नीतिगत निर्णय लिए जाएं।