31 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

दुश्मन का केमिकल अटैक भी होगा नाकाम! इंडियन आर्मी को मिली ऐसी मशीन जो खतरे को पहले ही भांप लेगी

Automatic Chemical Agent Detector Alarm : सेना का हथियार बना डीआरडीई में तैयार हुआ ऑटोमैटिक केमिकल एजेंट डिटेक्टर अलार्म। हवा में जहरीली गैस का खतरा भांपते ही अलर्ट कर देगा। सेना और वायुसेना खरीद रही 223 डिटेक्टर अलार्म।

2 min read
Google source verification
Automatic Chemical Agent Detector Alarm

Automatic Chemical Agent Detector Alarm : देश की हवा में जहरीली गैस घोलने के दुश्मनों के मंसूबे भी अब नाकाम कर दिए जाएंगे। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में स्थित रक्षा अनुसंधान एवं स्थापना इकाई (डीआरडीई ) लैब में तैयार ऑटोमैटिक केमिकल एजेंट डिटेक्टर और अलार्म (एसीएडीए ) रासायनिक हमलों को नाकाम करेगा। डीआरडीई ने इसे करीब 4 साल पहले तैयार किया था। अब सेना इसे देश की सुरक्षा में इस्तेमाल करेंगी। इसलिए थल और वायुसेना ने करीब 81 करोड़ रुपए में ऑटोमैटिक केमिकल एजेंट डिटेक्टर अलार्म की 223 यूनिट खरीदने का आर्डर निर्माता कंपनी को दिया है।

डीआरडीई ग्वालियर द्वारा विकसित ऑटोमैटिक केमिकल एजेंट डिटेक्टर और अलार्म (एसीएडीए) अब सेना में शामिल होगा। अभी तक इन डिटेक्टर्स को भारतीय सशस्त्र बल और सुरक्षा एजेंसी रासायनिक हमलों से बचाव के लिए विदेश से आयात करती रही हैं। इनकी खरीद में रक्षा बजट का एक बड़ा हिस्सा खर्च होता रहा है। इसके बावजूद पिछले दो दशकों से तो इन उपकरणों की मरम्मत और रख-रखाव के लिए कोई तकनीक देश के पास नहीं थी।

यह भी पढ़ें- पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड का कचरा जलाने की प्रक्रिया जारी, संभागायुक्त ने की लोगों से खास अपील

देश में पहली बार तैयार डिटेक्टर

देश में पहली बार डीआरडीई की ग्वालियर इकाई ने ऑटोमैटिक केमिकल एजेंट डिटेक्टर और अलार्म को तैयार किया है। इसमें अस्सी प्रतिशत से ज्यादा स्वदेशी उपकरण इस्तेमाल हुए हैं। यह डिटेक्टर हवा का सैंपल लेकर रासायनिक युद्धक अभिकारकों, विषैली गैसों और विषैले औद्योगिक रसायनों की मौके पर ही पहचान करेगा। इस तरह रासायनिक पहचान प्रौद्योगिकी केवल कुछ विकसित देशों के पास ही उपलब्ध है।

महाकुंभ में तैनात रहा डिटेक्टर

ऑटोमैटिक केमिकल एजेंट डिटेक्टर और अलार्म, आयन मोबिलिटी स्पेक्ट्रोमेट्री के सिद्धांत पर काम करता है। यह स्थिर बिंदु पर उपयोग किया जाने वाला रासायनिक युद्धक अभिकारक डिटेक्टर है, जिसमें बैटरी होती है और इसे वाहन पर भी लगाया जा सकता है। डिटेक्टर में सेंट्रल कंट्रोल रूम से डेटा प्राप्त करने के लिए रिमोट अलार्म यूनिट होती है। रक्षा के क्षेत्र में इसकी भूमिका महत्वपूर्ण मानी जा रही है। महाकुंभ में रासायनिक गैसों से सुरक्षा के लिए इस डिटेक्टर को तैनात किया गया था।

यह भी पढ़ें- एमपी के पेंच आ रहे 22 राज्यों के निर्वाचन आयुक्त, इलेक्शन की चुनौतियों पर बड़ा मंथन

देश की सुरक्षा करेगा स्वदेशी डिटेक्टर

ग्वालियर डीआरडीई के निदेशक मनमोहन परीडा के अनुसार, ऑटोमैटिक केमिकल एजेंट डिटेक्टर और अलार्म स्वदेशी है। इसे तैयार करने के साथ भारत दुनिया में चौथा देश बन गया है जिसके पास इस तरह की प्रौद्योगिकी है। (एसीएडीए )देश की सेना, सुरक्षा बलों की अल्प और दीर्घ कालिक आवश्यकताओं की पूर्ति करेगा। कई वर्ष के अनुसंधान के बाद इस उत्पाद को विकसित किया गया है। एलएनटी की बैंगलुरू यूनिट एसीडीए का निर्माण कर इसे सेना को सौंपेगी।