
MP Election 2023 : भितरवार सीट पर 74% पड़े वोट, 2008 से कांग्रेस का रहा है यहां दबदबा, इस बार दिखेगा किसका दम ?
ग्वालियर संभाग के ग्वालियर जिले में आने वाली भितरवार विधानसभा सीट 2008 के चुनाव के बाद से कांग्रेस का गढ़ बनती जा रही है। कांग्रेस के लाखन सिंह यादव यहां से लगातार तीन चुनाव जीतकर विधानसभा में जा चुके है। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर मोहन सिंह राठौर को प्रत्याशी बनाया है, जबकि कांग्रेस से यहां लाखन सिंह यादव को टिकट दिया गया है।
17 नवंबर को संपन्न हुए चुनाव में भितरवार विधानसभा सीट पर 74 फीसदी की वोटिंग दर्ज की गई है। वहीं, बात करें 2018 के वोट प्रतिशत की तो पिछली बार इस सीट पर 71.54 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि 2013 में यहां 70.04 प्रतिशत वोट पड़े थे। देखना दिलचस्प होगा कि इस बार जनता इस सीट से किस उम्मीदवार को चुनकर मध्य प्रदेश की विधानसभा पहुंचाती है।
2018 के समीकरण
भितरवार विधानसभा अनारक्षित सीट है। साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान इस विधानसभा सीट पर कुल 218425 मतदाता थे और उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार लाखन सिंह यादव को 66, 439 वोट देकर विजयश्री प्रदान करते हुए विधायक बनाया था, जबकि बीजेपी से खड़े हुए उम्मीदवार अनूप मिश्रा को 54, 309 मतदाताओं का भरोसा हासिल हो सका था। अनूप मिश्रा को 12,130 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था।
भाजपा के मोहन सिंह राठौर
भितरवार सीट से चुनावी मैदान में उतरे मोहन सिंह राठौर को कद्दावर नेता माना जाता है। सिंदिया समर्थकों में शामिल मोहन सिंह राठौर को पूर्व मंत्री और डबरा से प्रत्याशी इमरती देवी का पॉलिटिकल मेंटोर भी कहा जाता है। जानकारों की मानें तो मोहन सिंह से सलाह लिए बिना इमरती देवी राजनीति में कोई कार्य नहीं करतीं।
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कांग्रेस के लाखन सिंह यादव
वहीं, कांग्रेस की ओर से भितरवार सीट पर प्रत्याशी बनाए गए लाखन सिंह यादव ने अपने शुरुआती करियर की शुरुआत बहुजन समाज पार्टी के साथ मिलकर की थी और 1990 में गिर्द निर्वाचन क्षेत्र से पहला चुनाव लड़ा और तीसरे स्थान पर रहे। लाखन सिंह यादव यहां से लगातार तीन चुनाव जीतकर विधानसभा में जा चुके है। इस बार फिर कांग्रेस ने चौथी बार उन्हीं को अपना प्रत्याशी चुनकर चुनावी मैदान में उतारा है।
भितरवार विधानसभा के मतदाता
भितरवार का विधानसभा क्रमांक 18 है। विधानसभा में मतदाताओं की कुल संख्या 2 लाख 43 हजार 154 है। इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1 लाख 29 हजार 233 है, जबकि महिला मतदाता 1 लाख 13 हजार 916 है।
भितरवार विधानसभा की जनता की आवाज
- भितरवार विधानसभा क्षेत्र में सूबे की सबसे खराब सड़कों में से एक कराहिया मार्ग वैसे तो लगभग बन गया है। चीनोर तक इसका निर्माण पूरा होते ही अच्छी सड़क की उम्मीद भी पूरी हो जाएगी। पर ग्रामीणों के उस सवाल का जवाब शायद ही इस रास्ते से आ सके जो वे बुनियादी सुविधाओं को लेकर चाहते हैं।
- शिवनगर गांव में पानी का संकट घर से खेतों तक दिखाई देता है। लोगों का कहना है कि नहर गांव तक लाने की बात हुई थी। लेकिन अबतक कुछ नहीं हुआ है।
- स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क तो बन गई है पर बिजली, पानी और शिक्षा का रास्ता अबतक नहीं खुला है। समय के साथ कुछ भी नहीं बदला। आज भी यहां के लोगों को पांच - छह घंटे ही बिजली मिल पा रही है।
- नौकरी या काम के भी कोई खास विकल्प नहीं हैं। ऐसे में इस क्षेत्र से बढ़ी संख्या में लोगों का पलायन हो रहा है। लोगों का कहना है कि अगर इस पलायन को रोकना है तो सरकार को अपनी मुफ्त योजनाओं की घोषणाओं पर ब्रेक लगाकर इलाके में कोई फैक्ट्री या मिल खुलवाना चाहिए, ताकि लोग अपना बोझ खुद उठाने में सक्षम हों।
- फसल खराब होती है तो मुआवजे के नाम पर जो मिलता है, उससे लागत भी नहीं निकलती।
- गांव में स्कूल का पूछने पर खेतों के बीच एक मकान की तरफ इशारा करते हुए लोगों ने बताया कि, उस घर के एक कमरे में सरकारी स्कूल है। स्कूल का शेक्षणिक स्तर इसी से आंका जा सकता है कि यहां रहने वाले राजेंद्र यादव ने अपने बेटे का जिक्र करते हुए बताया कि उनका बेटा दसवीं कक्षा में पढ़ रहा है, लेकिन अब भी वो अपना नाम नहीं लिख पाता। उन्होंने बताया कि आसपास के 10 गांवों में भी कोई सरकारी नौकरी में नहीं है। जो थोड़ा बहुत पढ़ा है तो वो भी चपरासी बनने लायक नहीं हैं। अमरौल से चीनोर तक यही हाल हैं।
- इलाके में कॉलेज तो बन गया है, लेकिन उनमें पढ़ने के काबिल छात्र तो स्कूलों में तैयार हो ही नहीं रहे। गांव के बच्चे पांच किलोमीटर पैदल चलकर जाते हैं। सरकारी योजना में साइकल मिली थी, लेकिन हफ्तेभर बाद वापस लेकर मास्टर ने बोला, एक ही पंचायत में प्रावधान नहीं। अगर नियम नहीं था तो साइकल दी क्यों ? एक ही पंचायत में पांच किलोमीटर पैदल जा रहे बच्चे किसी को दिखाई नहीं देते।
इस बार हर सीट पर कांटे की टक्कर
6 जनवरी 2024 को मध्यप्रदेश विधानसभा का कार्यकाल पूरा हो जाएगा। उससे पहले 3 दिसंबर को चुनाव आयोग नई विधानसभा के गठन की प्रक्रिया को पूरा कर लेगा। 17 नवंबर को पूरे प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने सभी 230 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। चुनाव से पहले अबतक सामने आए सर्वेक्षणों में ये पता चला है कि इस बार मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान कांग्रेस और भाजपा के बीच हर सीट पर कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी।
Updated on:
02 Dec 2023 08:19 pm
Published on:
01 Nov 2023 10:30 pm
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