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‘कुत्तें-बिल्ली’ पालने वालों को कराना होगा रजिस्ट्रेशन, लगेंगे ये 9 डॉक्यूमेंट्स

MP News: नोडल अधिकारी चिड़ियाघर प्रभारी गौरव परिहार ने बताया कि पालतू पशुओं के पंजीकरण के लिए 300 रुपए का शुल्क निर्धारित किया गया है।

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(फोटो सोर्स: AI Image)

(फोटो सोर्स: AI Image)

MP News: नगर निगम ने शहर में पालतू कुत्तों और बिल्लियों के पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह कार्य 8 अक्टूबर से प्रारंभ हो चुका है और पंजीकरण की प्रक्रिया गांधी प्राणी उद्यान (चिड़ियाघर) में ऑफलाइन रूप से की जा रही है। हालांकि, निगम की योजना है कि भविष्य में ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी, जैसा कि दिल्ली, जयपुर और भोपाल में किया गया है।

पंजीकरण का उद्देश्य

नगर निगम का लक्ष्य शहरभर में पालतू कुत्तों और बिल्लियों की संख्या की जानकारी प्राप्त करना है। इस प्रक्रिया से न केवल पालतू पशुओं की सही संया का पता चलेगा, बल्कि यह आवारा कुत्तों की समस्या को भी नियंत्रित करने में मदद करेगा।

पंजीकरण शुल्क और समय सीमा

नोडल अधिकारी चिड़ियाघर प्रभारी गौरव परिहार ने बताया कि पालतू पशुओं के पंजीकरण के लिए 300 रुपए का शुल्क निर्धारित किया गया है। उन्होंने सभी पशु स्वामियों से अपील की है कि वे चिड़ियाघर में उपस्थित होकर 15 दिन के भीतर अपने कुत्ते और बिल्लियों का पंजीकरण कराएं।

यदि कोई पशु स्वामी निर्धारित समय सीमा में पंजीकरण नहीं कराता है, तो उससे पंजीकरण शुल्क का 10 गुना जुर्माना वसूला जाएगा। अधिक जानकारी के लिए नागरिक हेल्पलाइन नंबर 8435251465 पर सुबह 10 से शाम 5 बजे तक संपर्क कर सकते हैं।

ये है आवश्यक दस्तावेज

पंजीकरण प्रक्रिया के लिए निनलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी….

-स्वामी का आधार कार्ड

-पासपोर्ट साइज की दो फोटो

-वोटर कार्ड

-बिजली का बिल

-ड्राइविंग लाइसेंस (पता प्रमाण के लिए)

-संबंधित का मोबाइल नंबर

-कुत्ते और बिल्ली के दो कलर पासपोर्ट साइज फोटो

-एंटी रेबीज वैक्सीनेशन कार्ड (भारतीय पशु चिकित्सा परिषद में पंजीकृत पशु चिकित्सक द्वारा प्रमाणित)

-स्वामी के साथ कुत्ता या बिल्ली का एक फोटो

आवारा कुत्तों की समस्या

शहर में लगभग 22 हजार आवारा कुत्ते सड़कों, गलियों और मोहल्लों में घूम रहे हैं, जो हर दिन शहरवासियों के लिए खतरा बन रहे हैं। हालांकि, इन आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए नगर निगम ने ठेका भी दिया है, लेकिन वर्तमान में केवल 20 से 30 आवारा कुत्तों को ही पकड़ा जा रहा है, जिससे समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा