
इस शहर में आवारा कुत्तों का ऐसा आतंक की खौफ के मारे घरों से नहीं निकल रहे लोग, जा सकती है जान
इन दिनों मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर के लोग शहर की सड़कों पर यहां वहां घूम रहे आवारा कुत्तों के आतंक के चलते खौफ के साए में हैं। शहर के कई इलाकों में तो हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि आमजन का बिना डरे बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। सर्दी के दिनों में भी शहर में डॉग बाइट के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। आलम ये है कि 5 जनवरी को महज 24 घंटों के भीतर ही यहां सड़क पर घूमते कुत्तों ने 76 राहगीरों पर हमला कर उन्हें काट लिया।
शहर में आवारा कुत्तों का सबसे ज्यादा आतंक डीडी नगर क्षेत्र में देखा जा रहा है। यहां 24 घंटों में सबसे ज्यादा 42 लोगों पर डॉग अटैक के मामले सामने आए हैं। इसके अलावा कुंज विहार, महाराजपुरा में भी कुत्तों ने कई लोगों को काटा है। पिछले साल सिर्फ दिसंबर के महीने में ही करीब साढ़े बारह हजार लोग डॉग अटैक का शिकार हुए हैं। जबकि गुजरे साल 2023 की बात करें तो आंकड़े जानकर आप चौंक जाएंगे। एक साल में यहां आवारा कुत्तों ने 80 हजार से अधिक लोगों को काटा है।
घर से निकलने पर जान जाने का डर
शहर की मौजूदा स्थित पर गौर करें तो आलम ये है कि हर चौक चौराहे, गली मोहल्ले समेत हर नुक्कड़ पर आपको कुत्तों के झुंड देखने को मिल जाएंगे। ये झुंड किस पल में आसपास से गुजरने वाले लोगों पर हमला कर देते हैं कई बार तो पीड़ित समझ तक नहीं पाते। डॉग अटैक की दहशत लोगों में इस कदर बढ़ गई है कि लोग अपने बच्चों को तो छोड़िये खुद भी घर से निकलने में संकोच कर रहे हैं। शहरवासी शहरभर में लगातार बढ़ रहे कुत्तों के आतंक का जिम्मेदार जिला प्रशासन को ठहरा रहे हैं। कई इलाको के लोगों में तो प्रशासन को लेकर नाराजगी भी देखने मिल रही है। लोगों का तो ये कहना है कि हालत ये हैं कि मानों घर से निकलने पर जान ही चली जाएगी।
करोड़ों खर्च, फिर भी नहीं हुआ समाधान
ग्वालियर में नगर निगम ने आवारा कुत्तों को पकड़ने, नसबंदी कराने और डॉग हाउस सेंटर शुरू करने के नाम पर 2 करोड़ रुपए से अधिक खर्च कर चुका है। बावजूद इसके ये सारी कवायद सिर्फ कागजों पर ही दिखाई दे रही है। लगभग 4 महीने पहले बंद हो चुके कुत्तों की नसबंदी सेंटरों को अबतक शुरू करने की कोई पहल नहीं हुई है। वहीं मेडिकल ट्रीटमेंट की बात करें तो इनके बर्थ कंट्रोल पर भी काम नहीं हो पा रहा है। यही कारण है कि इनकी आबादी दिन ब दिन बढ़ रही है। शहर में कुत्तों के आतंक को गंभीरता से लेते हुए सीएमएचओ डॉक्टर आर.के राजोरिया भी नगर निगम कमिश्नर से इस समस्या का निराकरण करने को लेकर चर्चा कर चुके हैं।
जिले में कितने आवारा श्वान
ग्वालियर जिले की बात करें तो यहां 50 हजार से ज्यादा कुत्ते हैं। लोग कुत्तों को पकड़ने के लिए रोज 15 शिकायतें निगम के पास भेज रहे हैं। एक ही संस्था एनिमल केयर फाउंडेशन फर्म को आवारा कुत्तों को पकड़ने की जिम्मेदारी दी गई है। संस्था को 30 लाख रुपए में कुत्ते पकड़ने का ठेका दिया गया है। लेकिन, शहर के हालात देखते हुए प्रशासन की ये व्यवस्था नाकाफी साबित हो रही है।
Published on:
06 Jan 2024 10:22 pm
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