
MP Election 2023 : भाजपा ने बगावत की वजह से गवाई ग्वालियर दक्षिण विधानसभा, इस बार हुआ 63.77% मतदान
साल 1977 से अस्तित्व में आई ग्वालियर संभाग के अंतर्गत आने वाले ग्वालियर जिले की ग्वालियर दक्षिण विधानसभा सीट को एक समय में भाजपा का गढ़ माना जाता था। मगर भाजपा को उस समय बड़ा झटका लगा जब एंटी इनकम्बेंसी की लहर में 2018 विधानसभा चुनाव में भाजपा के हाथों से ये सीट चली गई। इस बार ग्वालियर दक्षिण विधानसभा सीट पर भाजपा ने अपने पूर्व विधायक नारायण सिंह कुशवाहा को ही यहां से चुनावी मैदान में उतारा है तो वहीं कांग्रेस ने इस सीट पर अपने मौजूदा विधायक प्रवीण पाठक को ही प्रत्याशी घोषित किया है।
17 नवंबर को संपन्न हुए चुनाव में ग्वालियर दक्षिण विधानसभा सीट पर 63.77 फीसदी की वोटिंग दर्ज की गई है। वहीं, बात करें 2018 के वोट प्रतिशत की तो पिछली बार इस सीट पर 60.45 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि 2013 में यहां 57.97 प्रतिशत वोट पड़े थे। देखना दिलचस्प होगा कि इस बार जनता इस सीट से किस उम्मीदवार को चुनकर मध्य प्रदेश की विधानसभा पहुंचाती है।
विधानसभा के समीकरण
ग्वालियर दक्षिण विधानसभा सीट पर आखिरी बार 2018 में विधानसभा चुनाव हुए थे। इस चुनाव में कांग्रेस के युवा नेता प्रवीण पाठक ने ओबीसी कोटा से आने वाले भाजपा के पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुशवाह को शिकस्त दी थी। हालांकि, जीत का अंतर सिर्फ 121 वोट था। पाठक को उस दौरान 56,369 वोट मिले थे, जबकि कुशवाह को 56,248 वोट मिले। तीसरे नंबर पर ग्वालियर की पूर्व महापौर और भाजपा से बगावत करके निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरी समीक्षा गुप्ता रहीं। उन्हें 30,745 वोट मिले थे। इस सीट पर 2018 में भाजपा की हार की वजह समीक्षा गुप्ता की बगावत को माना गया था।
ग्वालियर दक्षिण विधानसभा के जातिगत समीकरण
जातिगत समीकरण की बात करें तो यह क्षेत्र कुशवाहा समाज बाहुल्य क्षेत्र हैं। यही वजह है कि यहां से नारायण सिंह कुशवाह लंबे समय तक विधायक रहे। इस विधानसभा सीट में मुस्लिम वोटर्स भी जीत-हार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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भाजपा के नारायण सिंह कुशवाह
ग्वालियर दक्षिण से भाजपा उम्मीदवार बने नारायण सिंह कुशवाह पूर्व में इसी सीट पर विधायक भी रह चुके हैं। वो शिवराज कैबिनेट के गृह राज्य मंत्री भी रहे। कुशवाह ने मध्य प्रदेश के लिए भारतीय जनता पार्टी के अन्य पिछड़ा वर्ग विंग (भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा) के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में भी काम किया है। नारायण सिंह, कुशवाह समाज से हैं। उन्होंने संगठन बनाकर और सम्मेलन आयोजित करके अपनी जाति को संगठित करने में एक समुदाय के नेता के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वो गठन के बाद से ही ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं। 2008 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस की रश्मी पवार शर्मा को हराकर परिसीमन अभ्यास के बाद नवगठित निर्वाचन क्षेत्र जीता था।
कांग्रेस के प्रवीण पाठक
प्रदेश के सबसे युवा चेहरों में से एक प्रवीण पाठक वैसे तो ग्वालियर दक्षिण सीट से मौजूदा विधायक हैं। इस बार भी कांग्रेस पार्टी ने अपने इसी युवा चेहरे को एक बार फिर टिकट देकर यहां से चुनावी मैदान में उतारा है।
ग्वालियर दक्षिण विधानसभा के मतदाता
ग्वालियर दक्षिण का विधानसभा क्रमांक 17 है। यहां कुल मतदाताओं की संख्या 2 लाख 58 हजार 203 है। इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1 लाख 33 हजार 867 है, जबकि महिला मतदाता 1 लाख 24 हजार 324 है।
ग्वालियर दक्षिण विधानसभा की जनता की आवाज
- ग्वालियर की शान और दुनियाभर में विख्यात महाराजबाड़ा ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र का प्रमुख केंद्र है। इसी विधानसभा में आने वाले कुंअर बाबा बस्ती ( संजयनगर ) के रहवासी बिजली गुल की समस्या से परेशान हैं। लोगों का कहना है कि यहां सुबह से शाम तक कई बार लाइट जाती है।
- इसी क्षेत्र में रहने वाली अनीता कुशवाह का कहना है रसोई का बजट रुला रहा है। सिलेंडर के दामों में कुछ कमी तो की गई है, अब भी 900 रुपए से अधिक का गैस सिलेंडर ले पाना गरीब परिवार के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। सरकार ने सब्सिडी भी बंद कर दी है। ऐसे में घर का खर्च चला पाना काफी मुश्किल है।
- निबांजी की खोह के रहवासियों का कहना है कि घर तक पानी पहुंचाने का वादा किया गया था। लेकिन, बस्ती में अबतक पूरी तरह अमृत योजना के तहत पानी की लाइन नहीं डाली गई है। ऐसे में अलग से रुपए देकर निजी लोगों से पानी खरीदकर गुजारा करना पड़ रहा है।
- बाड़े को सुंदर बनाया जा रहा है, इमारतें रोशनी से नहा रही हैं। लेकिन, इसी इलाके के पीछे बाजार में गंदगी के ढेर लगे हैं। पार्किंग के भी यहां कोई इंतजाम नहीं हैं। बाड़े के कपड़ा व्यापारियों का कहना है कि इन्हीं अव्यवस्थाओं के कारण यहां का कारोबार ठप हो रहा है। सुभाष मार्केट में आने वाले रास्ते बंद हो रहे हैं।
- शहरवासी इलाके की अधिकतर खस्ताहाल सड़कों से परेशान हैं। आने वाली सरकार को सड़कों की समस्या का निराकरण कराना चाहिए।
- विधानसभा क्षेत्र में आने वाले महाराज बाड़े हर समय ट्रेफिक जाम के हालात बने रहते हैं। इससे राहगीरों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ता है।
- इसी क्षेत्र में दुकानदारों द्वारा अपनी दुकानों का सामान अतिक्रमण क्षेत्र में रखा जाता है, जिससे सड़कें अपने मूल स्वरूप से काफी सकरी हो जाती हैं। इससे राहगीरों कों गुजरने में खासा परेशानी का सामना करना पड़ता है।
इस बार हर सीट पर कांटे की टक्कर
6 जनवरी 2024 को मध्यप्रदेश विधानसभा का कार्यकाल पूरा हो जाएगा। उससे पहले 3 दिसंबर को चुनाव आयोग नई विधानसभा के गठन की प्रक्रिया को पूरा कर लेगा। 17 नवंबर को पूरे प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने सभी 230 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। चुनाव से पहले अबतक सामने आए सर्वेक्षणों में ये पता चला है कि इस बार मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान कांग्रेस और भाजपा के बीच हर सीट पर कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी।
Updated on:
02 Dec 2023 08:17 pm
Published on:
04 Nov 2023 06:14 pm
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