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बेरहम बेटे करते रहे मां के मरने का इंतजार, नहीं मरी तो ऐसे गला घोंटा कि हड्डी टूटते ही हो गई मौत

Mother Murder Case: रिश्तों का कत्ल: पहले मां को थाने में छोड़ गए, केस लगा तो कर दी हत्या.... पड़ोसियों ने खोले कई राज

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Mother Murder Case

मां के हत्यारे आरोपी बेटे।

Mother Murder Case: 88 साल की उम्र…शरीर और दिमाग दोनों ने साथ देना बंद कर दिया। वह जहां खाती, वहीं गंदा करती थी। दो बेटों को मां ने जितने लाड़-प्यार से पाला, उन्हीं बेटों को बूढ़ी मां नागवार गुजरी। दोनों ने मां को भूखा-प्यासा रखा। बीमार होने पर इलाज नहीं कराया। फिर भी मौत नहीं आई तो दोनों बेटों ने इंसानियत को तार-तार करने वाली साजिश रची और बूढ़ी मां का गला घोंटकर हत्या कर दी।

राय कॉलोनी (उपनगर ग्वालियर) की कमला कोष्ठा ने बेटे डालचंद और प्रेमनारायण उर्फ पह्रश्वपू को जन्म देते वक्त नहीं सोचा होगा कि यही दोनों बेटे उसकी मौत बन जाएंगे। दोनों ने 9 दिसंबर की रात गला दबाकर कमला की हत्या की थी। शुक्रवार सुबह पुलिस ने दोनों हत्यारों को दबोच लिया। पूछताछ में हत्यारों ने खुलासा किया।

13 साल पहले पिता की मौत हुई थी। उसके बाद मां कमला कोष्ठा गांव से उनके पास आ गईं। उम्र के साथ मां का शरीर और दिमाग कमजोर हो गया। कई माह से वह उठने की हालत में नहीं थी। उनकी लाचारी देखकर दोनों में से कोई भी बेटा उन्हें अने पास नहीं रखना चाहता था। दोनों उन्हें बोझ मान रहे थे, रोज उनकी मौत का इंतजार कर रहे थे।

बेटों को नहीे आती थी दया

कमला के परिचितों ने पुलिस को बताया, डालचंद ऑटो चलाता है। राय कॉलोनी में उसका मकान है। इन दिनों कमला उसके पास थीं। प्रेमनारायण मजदूर है, किराए पर रहता है। डालचंद ने कमला को छत पर खुले में डाल रखा था। वह भूखी प्यासी पड़ी रहती थी। ठंड में कमला को ओढऩे और बिछाने के लिए भी कुछ नहीं दिया था। उनकी हालत देख परिचित ने मवेशी के ओढऩे वाली रजाई दी।

थाने में पटक गए, केस दर्ज

हत्यारों ने बताया, तीन माह पहले मां की देखभाल के लिए दोनों भाइयों में कलह हुई तब मां को थाने में छोड़कर भाग गए। सोचा था, पुलिस किसी वृद्ध आश्रम में भेज देगी, पर यह पैंतरा उल्टा पड़ा। बूढ़ी मां को तंग करने के आरोप में पुलिस ने वरिष्ठ नागरिक अधिनियम के तहत डालचंद व पत्नी पर केस ठोंक दिया तब प्रेमनारायण मां को साथ ले जाने को राजी हुआ।

पत्रिका व्यू- मानवता पर कलंक

मध्य प्रदेश की यह घटना मानवता, पारिवारिक मूल्यों पर शर्मनाक कलंक है। 88 साल की मां को बोझ समझ बेटों द्वारा हत्या करना रिश्तों की पवित्रता और मानव संवेदनाओं का घिनौना पतन है। यह न सिर्फ अपराध है, भावनात्मक व नैतिक दायित्वों की हत्या भी है।

समाज को यह सोचना होगा कि बढ़ती असंवेदनशीलता और नैतिक गिरावट रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाएं। न्याय तंत्र ऐसे अपराधियों को कठोर दंड देकर संदेश दे कि मानवता पर लगे ऐसे कलंक किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।

रिक्रिएशन में बताया...एक ने पकड़े हाथ, दूसरे ने मुंह दबाया

हत्यारों ने बताया, हत्या की योजना 9 दिसंबर की शाम को बनाई। तब वह डालचंद के घर की छत पर थीं। रात को दोनों भाइयों ने छक कर शराब पी। रात गहराने पर मां को सोते में दबोच लिया। प्रेमनारायण ने हाथ पकड़े, डालचंद ने एक हाथ से मुंह और पूरी ताकत से दूसरे हाथ से गला दबा दिया। इसमें उनके गले की हड्डी टूट गई। हत्या के तरीके को समझने के लिए पुलिस ने हत्यारों से रिक्रिएशन भी कराया।

पोस्टमार्टम में खुलासा

कमला कोष्ठा की हत्या के बाद दूसरे दिन सुबह डालचंद और प्रेमनारायण ने मोहल्ले वालों को स्वाभाविक मौत बताई थी। दोनों जल्दी अंतिम संस्कार करने की फिराक में थे, पर अर्थी उठने से पहले किसी ने हत्या का शक जता पुलिस बुला ली। पुलिस ने पोस्टमार्टम कराया तो पता चला गला दबाकर हत्या हुई है।

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