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mp election 2023: बस्ती को नहीं मिला अमृत, बाड़े में कारोबार के रास्ते बाधित

mp election 2023- ग्वालियर दक्षिण और पूर्व विधानसभा क्षेत्र: दर्द के किस्सों की भरमार

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mp election 2023

पुनीत श्रीवास्तव

ग्वालियर की शान और दुनियाभर में विख्यात महाराजबाड़ा ग्वालियर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र का प्रमुख केंद्र है। इस विधानसभा क्षेत्र के साथ ही ग्वालियर पूर्व सीट की जनता विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सुख सुविधाओं और सरकारी योजनाओं के बारे में क्या सोच रही है, यह अहसास लेने के लिए उनके बीच गया। कुंअर बाबा बस्ती (संजय नगर ) में रहने वाले अमृतलाल कुशवाह कहते हैं बस्ती में सुबह से शाम तक कई बार लाइट जाती है। यहीं अनीता कुशवाह कहती हैं रसोई का बजट रुला रहा है। सिलेंडर के दाम 1100 रुपए पर हो गए हैं। सब्सिडी भी बंद हो चुकी है। घर खर्च चलाना मुश्किल है। लक्ष्मीगंज मुक्तिधाम में लकड़ी की टाल पर मजदूरी करने वाले बद्री कहते हैं आज पेट भरना मुश्किल है। अब तो मजदूरी तक नहीं मिलती।

बाड़ा क्षेत्र में गंदगी के ढेर

आगे चलकर निबांजी की खोह पहुंचा, तो रहवासी महादेवी ने कहा, घर तक पानी पहुंचाना का वादा किया गया था। लेकिन, बस्ती में अभी तक पूरी तरह अमृत योजना में पानी की लाइन नही डाली गई है। पर्स कारोबारी सोनू को टटोला तो बोले, बाड़े को सुंदर बनाया जा रहा है, इमारतें रोशनी से नहा रही हैं। लेकिन, इसी इलाके के पीछे बाजार में गंदगी के ढेर लगे हैं, पार्किंग के इंतजाम नहीं हैं। रेडीमेड कपड़ा कारोबारी गोपाल छाबरा ने इसी दर्द को आगे बढ़ाया। कहा, बाड़े का कारोबार ठप हो रहा है। सुभाष मार्केट में आने वाले रास्ते बंद हो रहे हैं।

पार्किंग की नाइंतजामी अखरने वाली

इसके बाद हम पूर्व क्षेत्र की ओर बढ़ लिए। हॉस्पिटल रोड निवासी जितेन्द्र परपयानी कहते हैं इस इलाके में जमीन, मकान की कीमतें आसमान छू रही हैं। लेकिन, यहां नाले को पाट कर सड़क बनाई गई है। पार्किंग का इंतजाम कभी नहीं हुआ। सुबह से शाम तक सड़क पर एंबुलेंस, ठेलों की भीड़ रहती है। सुशील परमार भी कहते हैं, वन वे रोड पर दोनों तरफ पार्किंग हम लोगों तक को गलत लगती है लेकिन इसे बनाने वाले नहीं समझते।

पढ़े लिखे हैं, पर कोई काम नहीं है

झांसी रोड़ निवासी अखिलेश त्रिपाठी की नजर में बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है। वे बोले, पढ़े लिखे हैं, पर कोई काम नहीं है। 45 साल की उम्र हो गई। घर की खेतीबाड़ी से गुजर चल रही है। सरकार की योजनाओं का क्या असर है?, यह पूछे जाने पर वे कहते हैं, आयुष्मान योजना तक में मेरा नाम नहीं है। झांसी रोड़ थाने से विक्की फैक्ट्री, कैंसर पहाड़ी, मुडिय़ा पहाड़ समेत सरकारी जमीनों को घेरकर अवैध कालोनियां और बस्तियां बन गईं।नाकाचंद्रवदनी निवासी विनीता कहती हैं शहर स्मार्ट हो गया या नहीं हमें नहीं पता। लेकिन रसोई का खर्चा बूते के बाहर जरूर हुआ है।

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