
MP High Court
MP High Court : हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी पद को लेकर एक अंतरिम आदेश जारी किया है। इस अंतरिम आदेश का असर ग्वालियर नगर निगम के साथ ही इंदौर नगर निगम पर भी पड़ना तय है। दरअसल, हाईकोर्ट(MP High Court) की ग्वालियर खंडपीठ ने माना है कि नगर निगम में स्वास्थ्य अधिकारी का पद केवल एमबीबीएस(MBBS) की डिग्री प्राप्त व्यक्ति को ही दिया जा सकता है। इसके उलट इंदौर में स्वास्थ्य अधिकारी का पद वेटनरी डॉक्टर के पास है।
ये भी पढें - आज 4400 करोड़ का कर्ज लेगी मोहन सरकार, मंगाए ऑफर
इंदौर निगम में मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर फिलहाल पशु चिकित्सक डॉ. अखिलेश उपाध्याय संभाल रहे हैं। वे एमबीबीएस नहीं हैं। ऐसे में हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक वे इस पद के लिए योग्य नहीं हैं। इंदौर निगम में इस पद की योग्यता रखने वाला कोई अधिकारी ही नहीं है। इंदौर में डॉ. अखिलेश उपाध्याय के अलावा सात और अधिकारियों को स्वास्थ्य अधिकारी का पद संभाल रहे हैं, लेकिन इनमें से किसी के पास भी एमबीबीएस की डिग्री नहीं है।
इंदौर निगम में एमबीबीएस डॉक्टर्स की भर्ती 1983 में हुई थी। उस समय दो डॉक्टर्स को भर्ती किया था, जिनमें से डॉ. केएस वर्मा पांच साल पहले रिटायर हो गए थे। हालांकि, डॉ. नटवर शारडा प्रतिनियुक्ति पर निगम में थे, लेकिन कोरोना के समय उनका भी ट्रांसफर मूल विभाग में हो गया था, जिसके बाद स्वास्थ्य अधिकारी का पद वेटनरी डॉक्टर्स ही संभाल रहे हैं।
राज्य सरकार की ओर से ग्वालियर नगर निगम में स्वास्थ्य अधिकारी के तौर पर डॉ. अनुज शर्मा को नियुक्त किया गया था। डॉ. अनुज शर्मा वेटनरी डॉक्टर हैं, जिसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर हुई थी। इस याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट में स्वास्थ्य अधिकारी पद की योग्यता के नियम भी आए थे, जिसमें स्वास्थ्य अधिकारी के तौर पर कम से कम एमबीबीएस की डिग्री जरूरी बताई गई थी। इसको ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने ग्वालियर निगम में वेनरी डॉक्टर की नियुक्ति को लेकर सवाल खड़े किए हैं।
उच्च न्यायालय के आदेश के बारे में जानकारी मिली है। हम न्यायालय के आदेशों का पालन करेंगे। इसके लिए जो भी उचित होगा वो किया जाएगा।- शिवम वर्मा, आयुक्त नगर निगम
Published on:
26 Mar 2025 10:08 am
बड़ी खबरें
View Allग्वालियर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
