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शताब्दी, वंदेभारत, राजधानी, दुरंतो की बढ़ेगी रफ्तार, यात्रियों का बचेगा समय

MP News: ट्रेनों की रफ्तार 110 से बढ़कर 130 प्रतिकिमी घंटा होने वाली है। इससे शताब्दी, वंदेभारत, राजधानी, दुरंतो जैसी ट्रेनों के यात्रियों के आधे घंटे की बचत होगी।

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फोटो सोर्स: पत्रिका

फोटो सोर्स: पत्रिका

MP News: यात्री अब कम समय में अपने स्थान पर पहुंच सकेंगे। ग्वालियर से बीना के बीच 266 किमी के रेलवे ट्रैक में ऑटोमैटिक ब्लॉक सिग्नलिंग प्रणाली से ट्रेनों की रफ्तार 110 से बढ़कर 130 प्रतिकिमी घंटा होने वाली है। इससे शताब्दी, वंदेभारत, राजधानी, दुरंतो जैसी ट्रेनों के यात्रियों के आधे घंटे की बचत होगी।

अन्य ट्रेनों की स्पीड पर 10-20 मिनट का अंतर आएगा। यह काम मार्च-2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रेलवे ने रखा है। मनोज कुमार सिंह, पीआरओ झांसी मंडल का कहना है कि काम चल रहा है। नए सिस्टम से ट्रेन निर्धारित समय पर पहुंचेंगी। इसका काम तेजी चल रहा है।

ऑटोमैटिक ब्लॉक सिग्नलिंग के फायदे

ट्रेनों की गति बढ़ेगी: झांसी से धौलपुर तक तीसरी लाइन का काम पूरा होने से ट्रेनों की स्पीड बढ़ी है।

ट्रेन संचालन में सुधार: इस सिस्टम से ट्रेन संचालन बेहतर हो जाएगा। बीना से धौलपुर के बीच 300 किमी के ट्रैक पर सिस्टम लगाया जा चुका है।

एक सेक्शन में कई ट्रेनें: दो स्टेशनों के बीच तीन ऑटोमैटिक सिग्नल लगने पर 4 ट्रेनें और बड़े सेक्शन में 5 ट्रेनें एक साथ चलाई जा सकती हैं।

ऐसे समझें ट्रैक की रफ्तार

दिल्ली से आगरा

160 किमी प्रतिघंटा

आगरा से ग्वालियर

130 किमी प्रतिघंटा

ग्वालियर से झांसी

130 किमी प्रतिघंटा

अभी यह व्यवस्था

अभी एक ट्रैक पर दोनों ट्रेनों के बीच एक स्टेशन की दूरी रहती है, जिस कारण ट्रेन लेट हो जाती है। बीना से धौलपुर के बीच लगभग 130 किलोमीटर क्षेत्र में यह सिस्टम लगाया जा चुका है। झांसी मंडल के डीआरएम दीपक कुमार सिन्हा इसकी समीक्षा की।