
ग्वालियर. मध्यप्रदेश में स्टेट फोरेंसिक सांइस यूनिवर्सिटी स्थापित करने को लेकर प्रदेश सरकार 50 एकड़ भूमि देने को तैयार है, लेकिन यह जमीन प्रदेश के किस जिले में दी जाएगी इस बात का खुलासा नहीं किया है। उल्लेखनीय है कि ग्वालियर खंडपीठ की एकलपीठ ने मुख्यमंत्री को स्टेट फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए विचार करने को कहा है। इसके लिए एक कमेटी बनाने का आदेश भी दिया था।
मध्यप्रदेशमें राज्य फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए हाईकोर्ट मध्यप्रदेश की एरियर-कम-कोर्ट केस मैनेजमेंट कमेटी ने भी राष्ट्रीय या राज्य फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की स्थापना की सिफारिश की थी। जिससे लंबित होने वाले प्रकरणों की संख्या में कमी हो सके। कई मामलों में डीएनए रिपोर्ट के लिए भोपाल व सागर लैब पर निर्भर रहना पढ़ता है।
हाईकोर्ट में शासन की ओर से जवाब पेश करते हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता अंकुर मोदी ने बताया, प्रदेश सरकार स्टेट फोरिंसिक साइंस सम को स्थापित करने के लिए 50 एकड़ भूमि देने को तैयार है, यह भूमि प्रदेश के किसी एक जिले में एयरपोर्ट के पास उपलब्ध कराई जाएगी। इस यूनिवर्सिटी को बनाने का प्रस्ताव प्रदेश का गृह मंत्रालय केन्द्रीय गृह मंत्रालय को भेजेगा।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद यूनिवर्सिटी स्थापित करने के लिए एक कमेटी बनाई गई। कमेटी ने यूनिवर्सिटी खोलने के संबंध में अध्ययन किया और रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट में कहा गया कि गांधीनगर फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की तर्ज पर मप्र में यूनिवर्सिटी को खोला जा सकता है। यहां साइबर से संबंधित कोर्स को चलाया जा सकता है। इसके अलावा साइबर के संबंध में पुलिस अधिकारी- जवानों को ट्रेन किया जा सकता है।
इससे पूर्व कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि शासन को ऐसे कदम उठाए जाने चाहिए, जिससे आम लोगों को आसानी व शीघ्र न्याय मिल सके। रिपोर्ट लेट होने से लोगों को अनावश्यक जेल में रहना पड़ता है। इसलिए फारेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की स्थापना होने से नए एक्सपर्ट आएंगे। जल्दी रिपोर्ट तैयार होंगी।
Published on:
19 Nov 2021 08:33 pm
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