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हनुमानगढ़ में मेडिकल कॉलेज शुरू हुए बीता एक साल, अभी तक नहीं मिला न्यूरो सर्जन

Hanumangarh News : हनुमानगढ़ जिले में राजकीय मेडिकल कॉलेज शुरू हुए एक साल बीत चुका है। लेकिन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक न्यूरो सर्जन नहीं लगाया है।

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Hanumangarh Medical College Started in One Year Ago still no Neuro Surgeon has been Found

Hanumangarh News : हनुमानगढ़ जिले में राजकीय मेडिकल कॉलेज शुरू हुए एक साल हो चुका है। लेकिन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक न्यूरो सर्जन नहीं लगाया है। इसकी वजह से प्रतिदिन दो से तीन हैंड इंजरी के केस को प्राथमिक उपचार के बाद रैफर किया जाता है। समय पर इलाज नहीं मिलने पर हैंड इंजरी के अधिकांश मामलों में रोगी हायर सेंटर में पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देता है या फिर इलाज में देरी होने से स्थिति गंभीर होने पर उसे स्वस्थ होने पर कई-कई साल लग जाते हैं। चिकित्सकों की माने तो गोल्डन आर्स यानि की दुर्घटना के दो घंटे के भीतर रोगी का इलाज करने पर उसे बचाया जा सकता है और कुछ माह में ही स्वस्थ हो जाता है।

मेडिकल कॉलेज शुरू होने पर जगी थी उमीद

जिला अस्पताल में ट्रोमा सेंटर शुरू होने पर न्यूरो सर्जन मिलने की उम्मीद जगी थी। स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन ने इस उम्मीद पर पानी फेर दिया कि न्यूरो सर्जन की सुविधा केवल मेडिकल कॉलेज में होगी। अब हनुमानगढ़ जिले में भी मेडिकल कॉलेज शुरू हुए एक सत्र बीत चुका है। दूसरा सत्र शुरू हुए तीन माह होने वाले हैं। लेकिन अभी तक स्वास्थ्य विभाग ने न्यूरो सर्जन को नहीं लगाया है।

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न्यूरो सर्जन मिलने से बढ़ेगी सुविधा

हनुमानगढ़ मेडिकल कॉलेज के अंतर्गत न्यूरो सर्जन मिलने पर हनुमानगढ़ टाउन के जिला अस्पताल की सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी। दरअसल मेडिकल कॉलेज परिसर के अंतर्गत निर्माणाधीन तीन सौ बेड के अस्पताल को शुरू होने में काफी वक्त लगेगा और आपातकालीन कक्ष टाउन में होने के कारण न्यूरो सर्जन की सेवाएं जिला अस्पताल में ही रहेंगी। न्यूरो सर्जन की सेवाएं मिलने के साथ-साथ सर्जिकल आईसीयू भी स्थापित होगा। प्रथम स्तर पर दस बैड का सर्जिकल आईसीयू स्थापित होने पर गंभीर स्थिति में घायलों के मस्तिष्क का ऑपरेशन कर भर्ती किया जा सकेगा।

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फिजिशियन की सुविधा

जिला अस्पताल में न्यूरो फिजियशन सेवाएं दे रहे हैं। सप्ताह में छह दिन न्यूरो फिजिशियन रोगियों को परामर्श देते हैं। न्यूरो सर्जन मिलने पर रोगियों को इलाज के लिए हायर सेंटर रैफर नहीं करना पड़ेगा। इससे समय पर इलाज भी मिल सकेगा और इलाज पूर्णतया निशुल्क होगा। दरअसल हायर सेंटर रैफर करने के दौरान रोगी स्थिति गंभीर होने पर परिजन मजबूरी में पास के जिलों के प्राइवेट अस्पतालों में लेजाते हैं। जहां प्रतिदिन इलाज के नाम पर पचास से साठ हजार रुपए शुल्क लिया जाता है।

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न्यूरो सर्जन के लिए विभाग को लिखा पत्र

जिला अस्पताल में न्यूरो फिजिशियन सेवाएं दे रहे हैं। न्यूरो सर्जन लगाने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा गया है। न्यूरो सर्जन के मिलने पर सर्जिकल आईसीयू स्थापित करने के लिए पत्र लिखा जाएगा।

डॉ. शंकर सोनी, पीएमओ, महात्मा गांधी राजकीय जिला चिकित्सालय, हनुमानगढ़।

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