
हरदा फैक्ट्री में धमाकों की वजह आई सामने, अग्रवाल बंधुओं की इस लापरवाही ने ली कई जानें
दो दिन पहले मंगलवार को मध्य प्रदेश के हरदा में स्थित पटाखा फैक्ट्री में हुए भीषण विस्फोट से करीब 14 लोगों की मौत होने और 150 से अधिक लोगों के घायल होने के बाद जहां एक तरफ फैक्ट्री मालिक अग्रवाल बंधुंओं लमेत एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार कर दो को जेल भेज दिया है, जबकि एक को 20 फरवरी तक पुलिस रिमांड दिया है। वहीं दूसरी तरफ मामले की जांच में हादसे में लापरवाही की परतें खुलना शुरू हो गई हैं। अबतक की प्रशासनिक जांच में सामने आया है कि पटाखा फैक्ट्री में भीषण हादसा अग्रवाल बंधुओं द्वारा की गई पांच खामियों की वजह से हुआ है।
फैक्ट्री संचालकों द्वारा की गई लापरवाहियों में सबसे बड़ी वजह फैक्ट्री में क्षमता से अधिक मात्रा में बारुद रखना था। यही नहीं फैक्ट्री में फायर सेफ्टी की कोई व्यवस्था नहीं थी। इतने बड़े पैमाने पर चलाए जा रहे कारोबार में छोटी-छोटी सी लापरवाहियों के कारण इतने बड़े हादसे का रुप धारण कर लिया।
इन खामियों ने ली लोगों की जान
जहां पटाखा फैक्ट्री बनाई हुई थी, उसके आसपास ही रहवासी कॉलोनी भी थी। यही नहीं सरकार की ओर से बनाए गए पीएम आवास के मकान भी इसी इलाके में बने थे। जिन मजदूरों से फैक्ट्री में काम कराया जाता था, उन्हें कोई सेफ्टी किट उपलब्ध नहीं कराई गई थी। शुरु से ही वो अपने रिस्क पर यहां काम करने को मजबूर थे। मजदूर अपने घरों से जिन कपड़ों को पहनकर आते थे, उन्हीं कपड़ों में पटाखा फैक्ट्री में काम करते थे। सुरक्षा के लिहाज से फैक्टेरी में या आसपास वाटर टैंक होना चाहिए था, लेकिन उसकी भी कोई व्यवस्था नहीं थी।
निलंबन के बावजूद फैक्ट्री मालिक के पास था लाइसेंस
इस संबंध में नर्मदापुरम कमिश्रर पवन कुमार शर्मा का कहना है कि जहां हरदा के बैरागढ़ में विस्फोट की घटना हुई, वहां के लिए अग्रवाल बंधुओं के पास दो राज्य सरकार और दो जिला मुख्यालय मिलाकर कुल 4 लाइसेंस थे। इसमें राज्य सरकार 300 किलो और जिला कलेक्ट्रेट 15 किलो ग्राम का लाइसेंस उपलब्ध कराती है। बताया जा रहा है कि साल 2022 में हरदा कलेक्टर ऋषि गर्ग ने अग्रवाल बंधुओं की पटाखा फैक्ट्री का 15 किलो का एक लाइसेंस सस्पेंड कर दिया था, जिसे बाद में स्टे मिलने के बाद संभाग कमिश्नर माल सिंह ने कलेक्टर को सुनवाई करके निराकरण की बात कही थी। लेकिन एक और लाइसेंस निलबिंत कर दिया। इसके बाद भी 300-300 किलो के लाइसेंस फैक्ट्री मालिक के पास मौजूद थे।
क्या कहते हैं जिम्मेदार ?
प्राप्त जानकारी के अनुसार फैक्ट्री मालिक राजेश अग्रवाल आसपास के लोगों को बारूद देकर पटाखे बनवाने का काम करता था। साल 2015 में एक खेत में 3000 रुपए महीने किराए पर उसने गोदाम लिया, जिसमें पटाखा बनाने का काम शुरू किया, तब भी एक हादसे में दो मजदूरों की जान गई थी। मामले में साल 2021 में अग्रवाल को 10 साल की सजा हुई, पर हाईकोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई। फैक्ट्री फिर शुरु हुई।
तत्कालीन हरदा एसडीएम श्रुति अग्रवाल ने मीडिया बातचीत में बताया कि सुरक्षा मानकों का पालन न होने पर मैंने जांच प्रतिवेदन कलेक्टर को सौंपा था। कलेक्टर ऋषि गर्ग ने फैक्ट्री को सील करने के आदेश दिए थे।
मामले को लेकर हरदा एसडीएम के.सी परते ने कहा कि तत्कालीन संभाग आयुक्त माल सिंह ने अगली सुनवाई तक के लिए राजेश को स्टे दिया था, लेकिन उसने फैक्ट्री फिर खोल ली।
Published on:
08 Feb 2024 06:05 pm
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