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Action: एसपी का सख्त एक्शन, महिला दरोगा समेत आठ पुलिसकर्मी भ्रष्टाचार में लाइन हाजिर

SP Hardoi Takes Strict Action: हरदोई में पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है। गंभीर आरोपों में घिरी महिला उपनिरीक्षक समेत आठ पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया। इस कार्रवाई से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है और सख्त संदेश गया है।

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हरदोई

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Ritesh Singh

Dec 30, 2025

SP Action (फोटो सोर्स : WhatsApp News Group)

SP Action (फोटो सोर्स : WhatsApp News Group)

SP Action: हरदोई जनपद में पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा ने भ्रष्टाचार और अनैतिक आचरण के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए बड़ी कार्रवाई की है। अलग-अलग मामलों में गंभीर आरोपों से घिरे महिला उपनिरीक्षक सहित कुल आठ पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया है। इस कार्रवाई से पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है और इसे एसपी की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के रूप में देखा जा रहा है।

जानकारी के अनुसार, पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा के संज्ञान में बीते कुछ समय से पुलिसकर्मियों द्वारा अवैध वसूली, धमकी और पद के दुरुपयोग से जुड़ी शिकायतें लगातार आ रही थीं। इन शिकायतों की प्राथमिक जांच कराई गई, जिसमें प्रथम दृष्टया आरोप सही पाए गए। इसके बाद एसपी ने बिना किसी दबाव के सख्त कार्रवाई करते हुए सभी आरोपित पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया।

पहला मामला पाली थाना क्षेत्र से जुड़ा है, जहां तैनात महिला उपनिरीक्षक आकांक्षा सिंह पर बेहद गंभीर आरोप लगे थे। सूत्रों के मुताबिक महिला दरोगा पर गैंगस्टर एक्ट में जेल भेजने की धमकी देकर लोगों से उगाही करने का आरोप है। इस मामले में उनके साथ कांस्टेबल सुरेश शर्मा, कांस्टेबल गुरजीत सिंह और हेड कांस्टेबल अंबुज तिवारी के नाम भी सामने आए। आरोप है कि इन पुलिसकर्मियों ने अपने पद और अधिकार का दुरुपयोग करते हुए आम नागरिकों को भयभीत किया और उनसे अवैध धन वसूली की।

मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों तक पहुंचने के बाद एसपी हरदोई ने इसकी गोपनीय जांच कराई। जांच रिपोर्ट में प्रथम दृष्टया आरोप सही पाए जाने पर पुलिस अधीक्षक ने महिला उपनिरीक्षक आकांक्षा सिंह समेत सभी चारों पुलिसकर्मियों को तत्काल लाइन हाजिर कर दिया। साथ ही पूरे मामले की विस्तृत विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं, ताकि दोष सिद्ध होने पर आगे की कड़ी कार्रवाई की जा सके।

दूसरा मामला मल्लावां क्षेत्र का है, जहां यातायात व्यवस्था संभालने वाले पुलिसकर्मियों पर ऑटो चालकों से अवैध वसूली के आरोप लगे थे। बताया गया कि यातायात उपनिरीक्षक राजेश मिश्रा, कांस्टेबल मनोज सिंह, कांस्टेबल विजय पाल मौर्य और हेड कांस्टेबल राजेश कुमार पर कस्बे में ऑटो चालकों को बेवजह रोकने, डराने-धमकाने और उनसे रंगदारी मांगने के आरोप सामने आए थे। ऑटो चालकों की ओर से की गई शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए एसपी ने इस मामले की भी जांच कराई।

जांच में आरोपों की पुष्टि होने के बाद पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा ने इन चारों पुलिसकर्मियों को भी लाइन हाजिर करने का आदेश जारी कर दिया। एसपी का यह कदम यह साफ दर्शाता है कि पुलिस विभाग में अनुशासन और ईमानदारी को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

इस बड़ी कार्रवाई के बाद पुलिस विभाग में हलचल तेज हो गई है। कई थानों और चौकियों में तैनात पुलिसकर्मी सतर्क नजर आ रहे हैं। जानकारों का कहना है कि एसपी मीणा के नेतृत्व में हरदोई पुलिस की छवि सुधारने और जनता का विश्वास दोबारा कायम करने की दिशा में यह एक अहम कदम है।

पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा ने इस कार्रवाई के बाद स्पष्ट शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि पुलिसकर्मियों द्वारा किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार, अनैतिक कृत्य या कार्य में लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि पुलिस की साख और जनता का विश्वास सर्वोपरि है। जो भी पुलिसकर्मी इस विश्वास को तोड़ने की कोशिश करेगा, उसके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।

एसपी ने यह भी कहा कि आम जनता की सुरक्षा और न्याय पुलिस की प्राथमिक जिम्मेदारी है। यदि पुलिस ही कानून को हाथ में लेने लगेगी तो समाज में अराजकता फैल जाएगी। इसलिए ऐसे तत्वों को चिन्हित कर विभाग से बाहर करना या उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करना बेहद जरूरी है।

स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने एसपी की इस कार्रवाई का स्वागत किया है। उनका कहना है कि यदि पुलिस निष्पक्ष और ईमानदारी से काम करेगी तो आम जनता का भरोसा कानून व्यवस्था पर मजबूत होगा। ऑटो चालकों का भी कहना है कि लंबे समय से वे यातायात पुलिस की मनमानी से परेशान थे, लेकिन अब कार्रवाई होने से उन्हें राहत की उम्मीद है। फिलहाल लाइन हाजिर किए गए सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जांच पूरी होने के बाद दोषी पाए जाने पर निलंबन, वेतन कटौती या सेवा से बर्खास्तगी जैसी कड़ी कार्रवाई भी की जा सकती है।