संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) द्वारा वर्ष 1989 में प्रथम बार विश्व जनसंख्या दिवस (World population day) मनाया गया था। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. बृजेश राठौर ने बताया कि विश्व जनसंख्या दिवस (World population day) के साथ ही जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा का शुभारंभ हो गया है, जो 24 जुलाई तक चलेगा। इस दौरान समुदाय को परिवार नियोजन के विभिन्न साधनों को अपनाने के बारे में जागरूक किया जाएगा।
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बार-बार गर्भधारण से समस्या
जिला परिवार कल्याण विशेषज्ञ आशीष शर्मा ने बताया कि कम समय में बार-बार गर्भधारण करना महिला के स्वास्थ्य पर विपरीत असर डालता है और मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर का प्रमुख कारण भी है। उन्होंने बताया कि विश्व जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा चलाया जा रहा हैं, इसमें विवाह के उपरान्त दो वर्षों तक पहले बच्चे में विलम्ब, दूसरे बच्चे के जन्म में 3 वर्ष का अंतराल, प्रसव एवं गर्भपात के बाद परिवार नियोजन के साधनों को अपनाना तथा परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी बढ़ाए जाने के सम्बन्ध में जागरूकता बढ़ाई जा रही है।
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ये रहे उपस्थित
इस दौरान डीपीओ धर्मेंद्र कुमार, बाल विकास परियोजना अधिकारी मुन्नी देवी, आयुष्मान भारत कार्यक्रम से डॉ. प्रभात, मोहित त्रिवेदी, लखिन्द्र कुमार, परिवार नियोजन परामर्शदाता चंद्रकान्ता शर्मा, विनीता सिंह, डिम्पल, लक्ष्मी सविता, व आईपीएएस से मौना सिंह, स्टाफ नर्स सुनीता कुमारी, सरला देवी आदि मौजूद थे।