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Chronic Kidney Disease के भारत में 138,000,000 केस, जानिए क्या है ये, शुरुआती लक्षण व बचाव भी जानें

Chronic Kidney Disease: 2023 की The Lancet रिपोर्ट के अनुसार, भारत में करीब 13.8 करोड़ लोग क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) से जूझ रहे हैं। जानिए डॉ. थियो वॉस की रिसर्च के अनुसार इसके मुख्य कारण डायबिटीज, हाई बीपी, मोटापा और नमक का अधिक सेवन। पढ़ें किडनी को स्वस्थ रखने के आसान उपाय।

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भारत

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Dimple Yadav

Nov 08, 2025

Chronic Kidney Disease

Chronic Kidney Disease (photo- gemini ai)

Chronic Kidney Disease: किडनी हमारे शरीर की सफाई मशीन है यह खून को साफ करती है और बेकार पदार्थों को बाहर निकालती है। लेकिन दुनिया भर में अब किडनी की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं, और भारत इसमें सबसे आगे है। द लैंसेट (The Lancet) में प्रकाशित एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में भारत में करीब 13.8 करोड़ लोग क्रॉनिक किडनी डिजीज (Chronic Kidney Disease - CKD) से पीड़ित थे। इस सूची में चीन पहले नंबर पर रहा, जहां 15.2 करोड़ लोग इस बीमारी से प्रभावित हैं।

किडनी डिजीज दुनिया में मौत का 9वां सबसे बड़ा कारण

इस ग्लोबल स्टडी के अनुसार, किडनी की बीमारी 2023 में दुनिया में मौत का 9वां सबसे बड़ा कारण रही। सिर्फ एक साल में करीब 15 लाख लोगों की जान इस बीमारी ने ले ली। रिपोर्ट में बताया गया है कि किडनी डिजीज़ दिल की बीमारियों की भी बड़ी वजह बनती जा रही है। दुनियाभर में होने वाली करीब 12% हार्ट-डिजीज की मौतों के पीछे किडनी की खराबी जिम्मेदार है।

किन देशों और इलाकों में सबसे ज्यादा मामले

रिपोर्ट के अनुसार उत्तर अफ्रीका और मिडिल ईस्ट में 18% लोगों को किडनी डिजीज है। दक्षिण एशिया (South Asia) में यह आंकड़ा लगभग 16% है। सब-सहारन अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में यह दर 15% से ज्यादा है। यानि, भारत जैसे देशों में यह बीमारी बेहद तेजी से फैल रही है।

किडनी फेल होने के मुख्य कारण क्या हैं?

रिसर्च के मुताबिक, 14 प्रमुख कारणों में से तीन सबसे बड़े हैं। डायबिटीज (शुगर), ब्लड प्रेशर (हाई बीपी), मोटापा (Obesity)
इसके अलावा नमक का ज्यादा सेवन, फल-सब्जियों की कमी और जंक फूड जैसी आदतें भी किडनी को नुकसान पहुंचा रही हैं। डॉ. थियो वॉस (Institute for Health Metrics and Evaluation) कहते हैं कि किडनी डिजीज एक बड़ी बीमारी है लेकिन इसे नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज की लिस्ट में उतनी अहमियत नहीं दी जाती जितनी दी जानी चाहिए।

समय पर जांच से बच सकती है बड़ी परेशानी

रिपोर्ट के मुताबिक, ज्यादातर मरीजों में किडनी डिजीज़ की शुरुआत शुरुआती स्टेज में होती है, इसलिए समय पर जांच (screening) से बीमारी को रोका जा सकता है। डॉक्टर सलाह देते हैं कि ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल को नियंत्रित रखें।
पर्याप्त पानी पिएं। ज्यादा नमक, प्रोसेस्ड फूड और तंबाकू से बचें। अगर पैरों में सूजन, थकान या झागदार पेशाब दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।

इलाज से बेहतर है बचाव

किडनी ट्रांसप्लांट या डायलिसिस हर किसी के लिए सुलभ नहीं है, खासकर भारत जैसे देशों में। इसलिए जरूरी है कि लोग अपनी जीवनशैली में सुधार लाएं और बीमारी को आगे बढ़ने से रोकें। किडनी की सेहत को नजरअंदाज न करें। क्योंकि जब यह खराब होती है, तो शरीर का पूरा सिस्टम प्रभावित होता है।