
Common liver problems and solutions
Common Liver Problems and Solutions :डॉ. गौरव गुप्ता, प्रोफेसर, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग, वर्तमान में एसएमएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, जयपुर में कार्यरत हैं। आपको गैस्ट्रोहेपेटोलॉजी क्षेत्र में 17 वर्षों से अधिक का अनुभव है। आपने लिवर संबंधी बीमारियों पर कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शोध पत्र प्रकाशित किए हैं और अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित भी हुए हैं। इस लेख में, डॉ. गुप्ता आम जनता द्वारा पूछे गए 11 अहम सवालों के जवाब दे रहे हैं, जो लिवर की सेहत और देखभाल से जुड़े हैं।
श्वेता भार्दवाज का सवाल है कि उन्हें अक्सर पेट में दर्द और भारीपन महसूस होता है। यह जरूरी नहीं कि हर बार लिवर की समस्या हो। गैस, अपच, या फैटी लिवर जैसी शुरुआती स्थितियाँ भी ऐसा कर सकती हैं। अगर यह समस्या लगातार बनी रहती है, तो लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT) करवाना समझदारी होगी।
रोहन पाटनी के अनुसार, उन्हें खाने के बाद उल्टी जैसा लगता है। भूख कम होना और जी मिचलाना लिवर की सूजन या हेपेटाइटिस जैसी समस्याओं का संकेत हो सकता है। समय रहते जाँच कराना जरूरी है।
प्रसिद्धी जोशी जानना चाहती हैं कि क्या लिवर की भी सालाना जांच होनी चाहिए। हां, विशेष रूप से यदि आप शराब का सेवन करते हैं, मोटापा है या फैमिली हिस्ट्री है तो साल में एक बार LFT, अल्ट्रासाउंड और कुछ विशेष ब्लड टेस्ट करवाना बेहतर होता है।
सक्षम जैन ने बताया कि उनके पिताजी को लिवर सिरोसिस है और अब पेट फूल रहा है व पैरों में सूजन आ रही है। ये लिवर फेलियर के गंभीर संकेत हो सकते हैं। शरीर में पानी और टॉक्सिन्स इकट्ठे होने लगते हैं। समय पर मेडिकल देखभाल जरूरी है।
पुनित कटारिया का सवाल बहुत अहम है। हां, लिवर ट्रांसप्लांट के बाद मरीज सामान्य जीवन जी सकता है, लेकिन उसे नियमित दवाइयां, इम्यूनो-सप्रेसिव थैरेपी और जीवनशैली में सावधानी बरतनी होती है।
यशवर्धन तालुका की मां का बिलीरुबिन बढ़ गया है। यह जॉन्डिस (पीलिया) या लिवर की क्षति का संकेत हो सकता है। गहरा पीला पेशाब और आंखों का पीला होना इसके प्रमुख लक्षण हैं। तुरंत जाँच कराएं।
अंजली चौहान पूछती हैं कि क्या ट्रांसप्लांट के बाद भी बीमारी लौट सकती है। हां, कुछ मामलों में यदि मूल कारण जैसे हेपेटाइटिस बी/सी या शराब का सेवन वापस शुरू हो, तो बीमारी फिर से हो सकती है। सावधानी जरूरी है।
तानिया सेवानी ने पूछा कि क्या डाइट पिल्स से लिवर को नुकसान हो सकता है। हां, कई वज़न घटाने वाली दवाएं लिवर को टॉक्सिक प्रभाव देती हैं। बिना डॉक्टर की सलाह ऐसी दवाएं न लें।
दर्शन दुबे पूछते हैं कि क्या हार्ड लिवर को फिर से ठीक किया जा सकता है। अगर सिरोसिस प्रारंभिक अवस्था में हो, तो जीवनशैली और इलाज से सुधार संभव है। लेकिन एडवांस स्टेज में रिवर्स होना मुश्किल होता है।
निखिल सैनी का सवाल है कि क्या लंबे समय तक दवाइयों का सेवन सिरोसिस का कारण बन सकता है। हां, खासतौर पर पेनकिलर (जैसे डाइक्लोफेनाक, पैरासिटामोल) और स्टेरॉइड्स का अधिक सेवन लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है।
रमेश पॉल बताते हैं कि उनके भाई के लिवर में घाव हो गए हैं। यदि ये फाइब्रोसिस या सिरोसिस का हिस्सा हैं, तो ट्रांसप्लांट अंतिम विकल्प बन सकता है। मगर कई मामलों में दवाओं और आहार से भी नियंत्रण संभव होता है, अगर समय पर इलाज हो।
लिवर शरीर का सबसे संवेदनशील अंगों में से एक है, लेकिन समय पर पहचान और इलाज से इसे बचाया जा सकता है। लक्षणों को नजरअंदाज न करें और हर संदिग्ध स्थिति में विशेषज्ञ से परामर्श लें।
Published on:
02 May 2025 01:53 pm
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