
Coronavirus Latest Update: कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका को लेकर सरकारें तैयारियों में जुट गई है। कई देशों में फिर से लॉकडाउन के हालात बन गए हैं। भारत में कोरोना की दूसरी लहर में लाखों की संख्या में मौतें हुई हैं। देश भर में कोविड-19 वैक्सीनेशन का काम युद्धस्तर पर चल रहा है। सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय भी लगातार कोरोना के प्रभाव को लेकर समय-समय पर जनता से वर्चुअल माध्यम से रूबरू हो रहे हैं। इसी बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने वैक्सीन की मिक्सिंग और मैचिंग को लेकर सभी को चेताया है। डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन ने प्रेस वार्ता में कहा कि अलग-अलग कंपनियों के वैक्सीन का पहले और दूसरे डोज के तौर पर इस्तेमाल करना बेहद खतरनाक है।
डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि मिक्सिंग और मैचिंग को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन के पास फिलहाल ऐसा कोई डेटा उपलब्ध नहीं है। स्वामीनाथन ने कहा कि सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले प्रश्नों में से ‘कई लोगों ने यह जानकारी लेनी चाही है कि वैक्सीन की पहली डोज के बाद दूसरी डोज किसी अन्य कंपनी की ले सकते हैं क्या? जवाब में स्वामीनाथन ने स्पष्ट कर दिया की यह बेहद खतरनाक है।
अभी अध्ययन जारी
डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक ने कहा कि कोरोना वैक्सीन की मिक्सिंग और मैचिंग पर अभी स्टडी चल रही है। जल्द ही रिजल्ट आने के बाद सूचित कर दिया जाएगा।
बूस्टर शॉट्स
बूस्टर शॉट्स के सवाल पर सौम्या स्वामीनाथन ने बताया कि भी कोई डेटा उपलब्ध नहीं है कि हमें बूस्टर शॉट की कितनी जरूरत है। यह स्थिति अराजकता पैदा कर सकती है। सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि बूस्टर शॉट की बजाए समय से दवाइयों के वितरण की जरूरत है।
ऑक्सफोर्ड की स्टडी
ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की एक स्टडी के अनुसार कोविड-19 से वैक्सीन की पहली डोज़ ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की बनाई वैक्सीन की और दूसरी डोज़ फाइजर-बायोएनटेक की लगाई जाए तो बेहतर इम्यूनिटी मिलती है। रिसर्च के मुताबिक दोनों में कौन सी वैक्सीन पहले लगाई गई और कौन सी बाद में, इसका कोई फर्क नहीं पड़ता।
Published on:
13 Jul 2021 01:50 pm
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