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Covid and Flu Heart Risk : कोविड और फ्लू के डबल इंफेक्शन से हो सकता है हार्ट फेल, जानें क्या कहता है नया शोध

Covid and Flu Heart Risk: नई रिसर्च के अनुसार, फ्लू, कोविड-19 और शिंगल्स जैसे वायरल इंफेक्शन दिल की बीमारियों और स्ट्रोक का खतरा बढ़ाते हैं। जानें कैसे वायरस हार्ट को नुकसान पहुंचाते हैं और क्या हैं बचाव के तरीके।

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भारत

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Dimple Yadav

Oct 31, 2025

Covid and Flu Heart Risk

Covid and Flu Heart Risk (photo- gemini ai)

Covid and Flu Heart Risk: हाल ही में एक नए अध्ययन में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। वायरल इंफेक्शन जैसे फ्लू, कोविड-19 और शिंगल्स (दाद) दिल की बीमारियों और स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा सकते हैं। अमेरिका की Journal of the American Heart Association में प्रकाशित इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 संक्रमण के कुछ हफ्तों के अंदर हार्ट अटैक का खतरा तीन गुना और फ्लू के बाद एक महीने तक चार गुना तक बढ़ जाता है।

यह अध्ययन 150 से ज्यादा शोधों की समीक्षा पर आधारित है। इन सभी अध्ययनों में एक समान बात सामने आई। वायरल इंफेक्शन का सीधा संबंध हार्ट डिजीज और स्ट्रोक से है। विशेषज्ञों ने बताया कि कोविड से संक्रमित लोगों में दिल और दिमाग से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, खासकर उन लोगों में जिन्हें संक्रमण के दौरान गंभीर लक्षण रहे हों। इतना ही नहीं, कुछ मामलों में यह जोखिम सालों तक बना रह सकता है।

क्या कहती है रिसर्च?

इसी तरह, फ्लू के मामलों में भी पाया गया कि संक्रमण के बाद हार्ट अटैक का खतरा चार गुना और स्ट्रोक का खतरा पांच गुना तक बढ़ जाता है। इसके अलावा, हेपेटाइटिस C, HIV और शिंगल्स (Varicella Zoster Virus) जैसे लंबे समय तक रहने वाले इंफेक्शन भी धीरे-धीरे दिल की सेहत को कमजोर करते हैं।

वायरस दिल को कैसे नुकसान पहुंचाते हैं?

शोध के अनुसार, वायरस शरीर में सूजन (inflammation) बढ़ाते हैं, जिससे खून की नलियों की अंदरूनी परत यानी endothelium को नुकसान होता है। इससे खून के थक्के (clots) बनने लगते हैं, जो अगर बड़े हो जाएं या टूटकर खून की नली में फंस जाएं, तो हार्ट अटैक या स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। कोविड-19 पर हुई रिसर्च में पाया गया कि यह वायरस सीधे दिल और फेफड़ों की नसों पर असर डालता है। वहीं, हेपेटाइटिस C या HIV जैसे वायरस शरीर में लगातार सूजन पैदा करते हैं, जिससे धीरे-धीरे धमनियों में जमा प्लाक फट सकता है और खून का प्रवाह रुक सकता है।

कैसे करें बचाव?

शोध के मुताबिक सबसे अच्छा तरीका है। संक्रमण से बचाव। इसके लिए जरूरी है कि आप फ्लू, कोविड और शिंगल्स के टीके लगवाएं। वैक्सीन से न सिर्फ संक्रमण का खतरा घटता है, बल्कि अगर आप संक्रमित भी हो जाएं तो बीमारी गंभीर नहीं होती। अगर कभी आपको वायरल इंफेक्शन हुआ हो, तो इसका मतलब यह नहीं कि आपको जरूर हार्ट डिजीज होगी। लेकिन अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल या धूम्रपान जैसी आदतें हैं, तो आपको ज्यादा सावधान रहना चाहिए।

कैसे करें संक्रमण से बचाव

आप संक्रमण से बचाव के लिए संतुलित खानपान रखें। नियमित व्यायाम करें, तनाव कम करें, धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं और किसी भी वायरल इंफेक्शन के बाद हार्ट चेकअप जरूर कराएं अंत में, विशेषज्ञों का कहना है कि वायरल इंफेक्शन को मामूली सर्दी-खांसी न समझें। यह सिर्फ एक अस्थायी बीमारी नहीं, बल्कि आगे चलकर दिल और दिमाग पर असर डाल सकती है।