
How to stay hydrated with Curd, Lassi and Buttermilk
Curd, Lassi Vs Buttermilk:गर्मी के मौसम ने दस्तक दे दी है, ऐसे में लोग अब हाइड्रेटिंग और हल्की चीजों का सेवन करना पसंद करेंगे। इस मौसम में दही, लस्सी और छाछ जैसे पदार्थ हमारे दैनिक जीवन का अहम हिस्सा बन सकते हैं। ये न केवल शरीर को ठंडा और हाइड्रेट रखते हैं, बल्कि सेहत को भी दुरुस्त रखते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि गर्मी में ये तीनों चीजों का कब सेवन करनी चाहिए, ताकि हम इनसे पूरा फायदा उठा सकें? तो आइए जानते हैं कि गर्मियों में दही, लस्सी और छाछ का सेवन आपके लाइफस्टाइल में किस तरह फिट हो सकता है, ताकि आप पूरी गर्मी ताजगी और ऊर्जा से भरे रहें।
दही एक बहुत ही पौष्टिक पदार्थ है, जिसमें प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन्स जैसे कई पोषक तत्व होते हैं। गर्मी के मौसम में दही का सेवन फायदेमंद होता है, क्योंकि यह हमारे शरीर को ठंडक पहुंचाता है और पाचन को भी सुधारता है। दही का सेवन सुबह या शाम को करना सबसे अच्छा होता है।
लस्सी भी एक पौष्टिक पदार्थ है, जो दही से बनाया जाता है। इसमें दही के अलावा पानी और विभिन्न मसाले मिलाए जाते हैं। गर्मी में लस्सी का सेवन शरीर को हाइड्रेट करता है और पाचन को भी ठीक करता है। लस्सी का सेवन दोपहर या शाम को करना सबसे उपयुक्त होता है।
छाछ भी दही से बनी एक पौष्टिक सामग्री है, जिसमें दही के अलावा पानी और मसाले मिलाए जाते हैं। यह शरीर को हाइड्रेट करता है और पाचन को सुधारता है। गर्मी में छाछ का सेवन दोपहर या शाम को करना सबसे लाभकारी होता है।
अब सवाल यह है कि इन तीनों में से किसका सेवन कब करना चाहिए। दही, लस्सी और छाछ(Curd, Lassi Vs Buttermilk ) तीनों ही हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं और इन्हें खाने से कई पोषक तत्व मिलते हैं, जो हमारी सेहत को बेहतर बनाते हैं। अगर आप सुबह के समय कुछ हल्का और पौष्टिक खाना चाहते हैं, तो दही का सेवन सबसे अच्छा रहेगा। वहीं, अगर आप दोपहर या शाम को कुछ ठंडा और हाइड्रेटिंग पीना चाहते हैं, तो लस्सी या छाछ का सेवन करें।
साथ ही, यह ध्यान रखना जरूरी है कि इन तीनों पदार्थों का सेवन करते समय अपने शरीर की जरूरतों और स्वास्थ्य को ध्यान में रखें। अगर आपको कोई स्वास्थ्य समस्या हो, तो डॉक्टर से परामर्श लेना उचित होगा।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
Updated on:
08 Apr 2025 08:53 am
Published on:
08 Apr 2025 08:36 am
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