
Depression during pregnancy has a deep connection with the brain, what is 'baby blues'?
Depression during pregnancy : वैज्ञानिकों ने प्रेग्नेंसी के दौरान अवसाद (Depression) के लक्षणों को एक विशेष मस्तिष्क गतिविधि से जोड़ा है और उन्हें उम्मीद है कि इससे ‘बेबी ब्लूज’ के जोखिम का पता लगाने के लिए एक परीक्षण विकसित किया जा सकेगा। शोधकर्ताओं ने पाया कि गर्भवती महिलाओं (Pregnant women) में नकारात्मक भावनाओं को नियंत्रित करने की क्षमता और अवसाद के लक्षणों के बीच संबंध है।
Depression during pregnancy : प्रेग्नेंसी के बाद लगभग 80 प्रतिशत महिलाएं ‘बेबी ब्लूज’ से गुजरती हैं। यह एक सामान्य स्थिति है, जिसमें नई मां कुछ दिनों के लिए उदासी महसूस कर सकती है। हालाँकि, यह जल्द ही समाप्त हो जाता है। लेकिन लगभग सात में से एक महिला प्रसवोत्तर अवसाद (Postpartum Depression) का सामना करती है। यह अवसाद (Depression) गंभीर होता है और इसके कारण माँ और शिशु के बीच संबंध प्रभावित हो सकते हैं, जिसके दीर्घकालिक परिणाम हो सकते हैं।
वैज्ञानिकों का कहना है कि प्रसव के बाद अवसाद से ग्रस्त महिलाएं इन नकारात्मक भावनाओं को नियंत्रित करने में कठिनाई महसूस करती हैं। यूरोप के वैज्ञानिकों के एक समूह ने अध्ययन में यह देखा कि स्वस्थ गर्भवती महिलाओं के मस्तिष्क के एक विशेष क्षेत्र में होने वाली गतिविधि नकारात्मक भावनाओं को नियंत्रित करने और अवसाद (Depression) के लक्षणों के बीच सीधा संबंध है।
जर्मनी के ट्यूबिंगन विश्वविद्यालय की फ्रांजिस्का वाइनमार के नेतृत्व में किए गए इस अध्ययन में 15 स्वस्थ गर्भवती महिलाओं (Pregnant women) पर शोध किया गया, जिनमें एस्ट्रोजेन का स्तर अधिक था। इन महिलाओं को एमआरआई स्कैनर में रखा गया और उन्हें परेशान करने वाली तस्वीरें दिखाई गईं। शोध में पाया गया कि जिन महिलाओं के मस्तिष्क के एमिगडाला (amygdala) हिस्से में अधिक गतिविधि दिखाई दी, वे अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने में कम सफल रहीं और उनमें अवसाद (Depression) के अधिक लक्षण देखे गए।
वाइनमार ने कहा, "यदि बड़े अध्ययन इस निष्कर्ष की पुष्टि करते हैं कि एमिगडाला की गतिविधि उन महिलाओं में अधिक होती है, जो प्रसवोत्तर अवसाद के जोखिम में होती हैं, तो हम इस नाजुक समय में उनकी पहचान कर, उन्हें बेहतर सहायता प्रदान कर सकते हैं।"
स्पेन के मैड्रिड स्थित ग्रेगोरियो मरनोन अस्पताल की डॉ. सुज़ाना कारमोना के अनुसार, “हमें अभी भी यह समझने के लिए लंबा रास्ता तय करना है कि गर्भावस्था के दौरान मस्तिष्क में क्या होता है और किन बायोमार्करों से प्रसव से संबंधित मानसिक विकारों का जोखिम पता लगाया जा सकता है।"
यह अध्ययन उन महिलाओं के लिए उम्मीद की किरण है, जो प्रसव के बाद अवसाद से जूझती हैं। इसके माध्यम से न केवल उनका उपचार संभव हो सकेगा, बल्कि उनके शिशुओं के साथ भावनात्मक संबंध भी बेहतर होंगे।
Published on:
23 Sept 2024 11:07 am
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