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Insulin Resistance Symptoms: प्री-डायबिटीज और फैटी लिवर साथ में? असली वजह है इंसुलिन रेजिस्टेंस, जानें इलाज और डाइट टिप्स

Insulin Resistance Symptoms: क्या आप प्री-डायबिटीज और फैटी लिवर से जूझ रहे हैं? यह दोनों बीमारियां एक ही कारण से जुड़ी होती हैं और वह है इंसुलिन रेजिस्टेंस। जानें डॉक्टर मनीषा अरोड़ा से इसके लक्षण, कारण और असरदार इलाज के घरेलू उपाय।

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भारत

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Dimple Yadav

Nov 05, 2025

Insulin Resistance Symptoms

Insulin Resistance Symptoms (Photo- gemini ai)

Insulin Resistance Symptoms: अगर किसी व्यक्ति को प्री-डायबिटीज (Pre-Diabetes) और फैटी लिवर (Fatty Liver) दोनों एक साथ हो जाएं, तो यह शरीर में छिपी एक बड़ी समस्या की तरफ इशारा करता है और वह है इंसुलिन रेजिस्टेंस (Insulin Resistance)। इसका मतलब है कि आपका शरीर तो इंसुलिन बना रहा है, लेकिन आपकी कोशिकाएं (cells) उस पर सही से प्रतिक्रिया नहीं दे रहीं।

डॉक्टर मनीषा अरोड़ा के मुताबिक, इस स्थिति में ब्लड शुगर बढ़ जाता है और शरीर में अतिरिक्त चर्बी लिवर में जमा होने लगती है। तो आइए जानते हैं कि क्या है प्री-डायबिटीज और फैटी लिवर और क्यों होती है दोनों बीमारियां साथ-साथ।

क्या है प्री-डायबिटीज और फैटी लिवर?

प्री-डायबिटीज में ब्लड शुगर सामान्य से थोड़ा ज्यादा होता है, लेकिन डायबिटीज की सीमा तक नहीं पहुंचता। वहीं फैटी लिवर (MASLD) में लिवर में जरूरत से ज्यादा फैट जमा हो जाता है, जिससे लिवर की कार्यक्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है।

क्यों होती है दोनों बीमारियां साथ-साथ?

डॉक्टर मनीषा अरोड़ा के अनुसार, दोनों बीमारियों के रिस्क फैक्टर लगभग एक जैसे होते हैं। ज्यादा पेट में चर्बी (belly fat) जमा होने से हो सकता है। हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल के चलते भी ये समस्या देखने को मिलती है। ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ना भी इसका एक कारण हो सकता है। कम शारीरिक गतिविधि (sedentary lifestyle) दोनों बीमारियों को न्यौता देती है और प्रोसेस्ड, तैलीय और मीठा खानें से भी हो सकता है। फैटी लिवर से ब्लड शुगर कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है, और प्री-डायबिटीज से लिवर में और ज्यादा फैट जमा होता जाता है।

कैसे तोड़ें ये चक्र?

डॉक्टर मनीषा अरोड़ा के अनुसार, सबसे पहला और असरदार कदम है वजन घटाना। अगर आप अपने कुल वजन का सिर्फ 5 से 10% भी घटा लेते हैं, तो लिवर का फैट और इंसुलिन रेजिस्टेंस दोनों ही काफी कम हो सकते हैं।

क्या खाएं और क्या नहीं?

यदि आप अपने सेहत को सही रखना चाहते हैं तो सब्जियां, फल, साबुत अनाज, दालें, मूंगफली, बादाम, बीज, और ऑलिव ऑयल जैसे हेल्दी फैट्स का सेवन करें। इसके सात ही प्रोटीन से भरपूर चीजें जैसे अंडा, पनीर, टोफू या चिकन का भी सेवन करें। आपको मीठी चीजें, सोडा, पैक्ड जूस, और मैदा या रिफाइंड कार्ब्स से बने स्नैक्स और तला हुआ और जंक फूड से बचना चाहिए।

एक्टिव रहना है जरूरी

सिर्फ डाइट नहीं, रेगुलर एक्सरसाइज और शराब का सेवन सीमित करना भी ज़रूरी है। डॉक्टर मनीषा अरोड़ा कहती हैं कि अगर आप लगातार छोटे-छोटे बदलाव करते हैं, जैसे रोजाना वॉक, मीठा कम, और पोर्शन कंट्रोल, तो फैटी लिवर को रिवर्स करना और प्री-डायबिटीज को डायबिटीज बनने से रोकना पूरी तरह संभव है।