
Want to Prevent Diabetes Follow These Simple Habits
Want to Prevent Diabetes : हर साल दुनिया में लाखों लोग डायबिटीज़ के कारण अपनी जान गंवाते हैं। यह एक ऐसी बीमारी है जो किसी को भी, किसी भी उम्र में हो सकती है। खासतौर पर, यह समस्या अब बच्चों और युवाओं में भी तेजी से बढ़ रही है।
डायबिटीज़ तब होती है जब रक्त में ग्लूकोज़ (Blood Sugar) की मात्रा बढ़ जाती है। इससे दिल का दौरा (हार्ट अटैक), हृदयाघात (स्ट्रोक), अंधापन, किडनी फेलियर और पैरों के सुन्न होने जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
डायबिटीज़ मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है:
टाइप 1 डायबिटीज़: इस प्रकार में शरीर इंसुलिन बनाना बंद कर देता है। यह आनुवंशिक कारणों या वायरल संक्रमण की वजह से हो सकता है।
टाइप 2 डायबिटीज़: इसमें शरीर या तो पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता या वह ठीक से काम नहीं करता। यह अधिकतर अधेड़ और वृद्ध लोगों, मोटे व्यक्तियों और कम शारीरिक श्रम करने वालों को होता है।
गर्भकालीन डायबिटीज़ (जेस्टेशनल डायबिटीज़): कुछ महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान यह समस्या हो सकती है। यदि इसे नियंत्रित न किया जाए तो यह टाइप 2 डायबिटीज़ में बदल सकती है।
डायबिटीज़ के सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
- अधिक प्यास लगना
- बार-बार पेशाब आना
- अत्यधिक थकान महसूस होना
- बिना किसी कारण वजन कम होना
- आंखों की रोशनी कम होना
- घाव या चोट का देर से ठीक होना
टाइप 1 डायबिटीज़ के लक्षण बचपन में ही दिखाई देने लगते हैं, जबकि टाइप 2 डायबिटीज़ अधेड़ उम्र में विकसित होती है।
डायबिटीज़ होने के आनुवंशिक और पर्यावरणीय कारण हो सकते हैं, लेकिन जीवनशैली में सुधार कर इससे बचा जा सकता है।
- प्रोसेस्ड फूड और मीठे पेय पदार्थों से बचें।
- सफेद ब्रेड की जगह साबुत अनाज और मल्टीग्रेन ब्रेड का सेवन करें।
- ताजे फल, हरी सब्जियां, दालें और साबुत अनाज खाएं।
- ओमेगा-3 से भरपूर मछली (सार्डाइन्स, सालमन, मेकेरल) का सेवन करें।
- हफ्ते में कम से कम 150 मिनट एरोबिक एक्सरसाइज करें।
- रोजाना टहलें और सीढ़ियां चढ़ें।
- योग और ध्यान से तनाव कम करें।
- शरीर के वजन को संतुलित रखें।
- अगर वजन अधिक है तो धीरे-धीरे कम करें (0.5-1 किलोग्राम प्रति सप्ताह)।
- म्रपान और शराब से दूरी बनाएं।
- कैफीन का सेवन सीमित करें।
- ब्लड शुगर लेवल की नियमित जांच कराएं।
- कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर का ध्यान रखें।
अगर ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित नहीं किया जाए तो यह शरीर की नसों को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे रक्त संचार प्रभावित होता है, जिससे आंखों की रोशनी कमजोर हो सकती है और पैरों में संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, अंधापन, किडनी फेलियर, हार्ट अटैक, स्ट्रोक और पैरों की निष्क्रियता के पीछे डायबिटीज़ एक प्रमुख कारण है।
1980 में 18 वर्ष से अधिक उम्र के 5% लोग डायबिटीज़ से पीड़ित थे, लेकिन 2014 में यह आंकड़ा 8.5% तक पहुंच गया। अंतरराष्ट्रीय डायबिटीज़ फेडरेशन के अनुसार, निम्न और मध्यम आय वाले देशों में यह समस्या तेजी से बढ़ रही है। वहीं, विकसित देशों में गरीब लोग सस्ते और अस्वास्थ्यकर भोजन के कारण अधिक प्रभावित होते हैं।
डायबिटीज़ एक गंभीर लेकिन नियंत्रित की जा सकने वाली बीमारी है। सही खान-पान, नियमित व्यायाम और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर इसे रोका जा सकता है। नियमित जांच कराते रहें और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
अस्वीकरण: यह सामग्री और इसमें दी गई सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी योग्य चिकित्सकीय सलाह का स्थान नहीं लेती। हमेशा अधिक जानकारी के लिए किसी विशेषज्ञ या अपने डॉक्टर से परामर्श करें। patrika.com इस जानकारी के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं लेता है।
Published on:
25 Jan 2025 07:07 am
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