SMA Type-1: हरियाणा के हिसार जिले में रहने वाला 8 माह का मासूम युवांश एक दुर्लभ और जानलेवा बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप-1 से जूझ रहा है। युवांश, हरियाणा पुलिस में तैनात एक कांस्टेबल का बेटा है, जिसकी जिंदगी इस खतरनाक बीमारी की वजह से संकट में है। यह बीमारी बच्चों की मांसपेशियों की ताकत को धीरे-धीरे खत्म कर देती है, जिससे उनकी शारीरिक गतिविधियां रुक जाती हैं और सांस लेने तक में परेशानी होने लगती है। आइए जानते हैं आखिर क्या है SMA Type-1, इसके लक्षण क्या होते हैं और किस तरह से इसका इलाज संभव है ताकि समय रहते आप भी सतर्क हो सकें।
SMA टाइप-1 एक जीन से जुड़ी बीमारी है, जो मोटर न्यूरॉन्स को नष्ट करती है और इसके कारण मांसपेशियों का कमजोर होना शुरू हो जाता है। यह बीमारी बच्चों में जन्म के बाद कुछ महीनों में ही नजर आने लगती है और समय के साथ-साथ बच्चे की ताकत और गतिविधियों को बहुत ही कम कर देती है। अगर इसका इलाज समय रहते नहीं किया जाए, तो यह बच्चे की जिंदगी के लिए भी खतरा बन सकता है।
-मांसपेशियों का कमजोर होना
-शरीर के ऊपरी हिस्से की गतिविधियों में कमी
-बच्चों का सिर उठाने में कठिनाई
-समय के साथ सांस लेने में भी दिक्कत
-खिलखिलाने या बोलने में कठिनाई
स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA) एक आनुवंशिक (Genetic) बीमारी है, जो शरीर की मांसपेशियों को नियंत्रित करने वाले नर्व सेल्स को प्रभावित करती है। यह बीमारी तब होती है जब शरीर में SMN1 (Survival Motor Neuron 1) नामक जीन में गड़बड़ी पाई जाती है। SMA टाइप-1 तब विकसित होता है जब बच्चे को SMN1 जीन की दोनों कॉपियाँ (एक मां और एक पिता से) दोषपूर्ण अवस्था में मिलती हैं। यह गड़बड़ी मोटर न्यूरॉन्स को कमजोर करती है, जिससे शरीर की मांसपेशियां धीरे-धीरे काम करना बंद कर देती हैं।
स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA) का कोई स्थायी इलाज नहीं है। इस बीमारी के लिए उपचार का मुख्य उद्देश्य लक्षणों को नियंत्रित करना और जटिलताओं को रोकना है। हालांकि, एक विशेष इंजेक्शन Zolgensma जो SMA का इलाज करने में सहायक होता है, उसकी कीमत करीब 14.50 करोड़ रुपये है। यह इंजेक्शन स्विट्जरलैंड के जेनेवा से से मिलता है।ध्यान रहे कि इस इंजेक्शन की कीमत ब्रांड और अस्पताल की पॉलिसी पर भी निर्भर करती है।
Published on:
22 Jun 2025 10:25 am