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क्या है Valley Fever, रात में पसीना…ये हैं इस नए बुखार के लक्षण, इस देश में तेजी से फैल रहा

Valley Fever: कैलिफोर्निया इन दिनों एक नए खतरे का सामना कर रहा है। वैली फीवर नाम की यह बीमारी धीरे-धीरे लेकिन लगातार फैल रही है। पहले जहां इसके मामले बहुत कम सामने आते थे, वहीं अब तक के आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं।

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भारत

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MEGHA ROY

Aug 19, 2025

Valley Fever health warning,Early signs of Valley Fever infection

Early signs of Valley Fever infection फोटो सोर्स – Freepik

Valley Fever Symptoms: अमेरिका में लोग बर्ड फ्लू और खसरे जैसी बीमारियों से जूझ रहे हैं, वहीं कैलिफोर्निया इन दिनों एक नए खतरे का सामना कर रहा है। वैली फीवर (Valley fever In US) नाम की यह बीमारी धीरे-धीरे लेकिन लगातार फैल रही है। पहले जहां इसके मामले बहुत कम सामने आते थे, वहीं अब तक के आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं। जुलाई के अंत तक 6,761 मामलों की पुष्टि हो चुकी थी, और अगर यह गति बनी रहती है, तो 2025 में कुल मामले 2024 के 12,595 मामलों से भी अधिक हो सकते हैं।

अचानक क्यों बढ़ रहे हैं मामले?

विशेषज्ञ मानते हैं कि जलवायु परिवर्तन ने इस बीमारी को फैलने के लिए “परफेक्ट माहौल” दे दिया है। बारिश के मौसम में मिट्टी में मौजूद फंगस बढ़ता है और जैसे ही गर्मी व तेज हवाएं आती हैं, यह फंगस सूखकर हवा में उड़ने लगता है। जब लोग इन छोटे-छोटे कणों को सांस के जरिए अंदर ले जाते हैं, तो बीमारी शुरू हो जाती है।पहले यह बीमारी ज्यादातर San Joaquin Valley जैसे इलाकों में दिखती थी, लेकिन अब Central Coast और Bay Area तक फैल चुकी है। अकेले मॉन्टेरी काउंटी में मामलों में 260% की बढ़ोतरी हुई है, जबकि वेंचुरा काउंटी में करीब 92% ज्यादा केस दर्ज किए गए।

Valley Fever के लक्षण क्या हैं

  • लगातार बुखार और खांसी
  • शरीर और जोड़ों में दर्द
  • थकान और सांस फूलना
  • रात में पसीना आना
  • त्वचा पर लाल चकत्ते

आमतौर पर लक्षण संक्रमण के 1 से 3 हफ्ते बाद दिखते हैं। कई लोग बिना इलाज के भी ठीक हो जाते हैं, लेकिन कुछ मरीजों में यह हफ्तों या महीनों तक बना रहता है। गंभीर मामलों में संक्रमण फेफड़ों से निकलकर दिमाग, हड्डियों और रीढ़ की हड्डी तक फैल सकता है। ऐसे मरीजों को लंबे समय तक, कभी-कभी ज़िंदगी भर, एंटी-फंगल दवाइयां लेनी पड़ती हैं।

किन लोगों को है ज्यादा खतरा?

यह बीमारी किसी को भी प्रभावित कर सकती है, लेकिन कुछ लोगों में इसका खतरा अधिक होता है। खेतों में काम करने वाले मजदूर, निर्माण स्थल के कर्मचारी और अग्निशमन कर्मी जैसे लोग जो भारी शारीरिक श्रम करते हैं, वे अधिक संवेदनशील होते हैं। इसके अलावा, बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, वे भी अधिक जोखिम में रहते हैं। डायबिटीज से पीड़ित व्यक्तियों में भी इस बीमारी के गंभीर प्रभाव देखे गए हैं।
कुछ नस्लीय और जातीय समूह, जैसे अफ्रीकी-अमेरिकी, हिस्पैनिक और फिलीपीनो समुदाय के लोग भी अधिक प्रभावित हो सकते हैं। हालांकि, चिकित्सकों का कहना है कि पूरी तरह से स्वस्थ व्यक्ति भी कभी-कभी इस बीमारी की चपेट में आ सकते हैं और गंभीर रूप से बीमार हो सकते हैं। हालांकि डॉक्टरों ने यह भी बताया जा रहा है की स्वाथ्य लोग भी गंभीर र्रोप से बीमार हो सकते है।

बचाव ही है सबसे बड़ा इलाज

  • जरूरी होने पर N95 मास्क पहनें
  • धूल भरे इलाकों से बचें
  • तेज हवा और धूल के दौरान घर के दरवाज़े-खिड़कियां बंद रखें
  • एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें
  • अगर खांसी या थकान 7-10 दिन में ठीक न हो, तो डॉक्टर से जरूर मिलें

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