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WHO Warns of Rising Hypertension Cases: हाई ब्लड प्रेशर बना वैश्विक संकट, WHO की रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े

WHO Warns of Rising Hypertension Cases: हाई ब्लड प्रेशर यानी हाइपरटेंशन अब वैश्विक स्वास्थ्य संकट का रूप ले चुका है। इसकी सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि करोड़ों लोग इस बीमारी से जूझ रहे हैं।

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भारत

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MEGHA ROY

Sep 26, 2025

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Global Hypertension Crisis|फोटो सोर्स – Freepik

WHO Warns of Rising Hypertension Cases: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में जारी अपनी रिपोर्ट में दुनिया भर के लिए चिंता बढ़ाने वाले आंकड़े साझा किए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, हाई ब्लड प्रेशर यानी हाइपरटेंशन अब वैश्विक स्वास्थ्य संकट का रूप ले चुका है। इसकी सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि करोड़ों लोग इस बीमारी से जूझ रहे हैं, लेकिन उनमें से बहुत कम लोग ही समय पर इलाज कर पाते हैं या अपनी स्थिति के बारे में जानते हैं।

Hypertension Cases: 140 करोड़ लोग हाइपरटेंशन के शिकार - WHO

WHO की रिपोर्ट बताती है कि इस समय पूरी दुनिया में करीब 1.4 बिलियन (140 करोड़) लोग हाइपरटेंशन के शिकार हैं। चिंता की बात यह है कि इनमें से केवल 20% लोग ही अपने ब्लड प्रेशर को नियंत्रित कर पा रहे हैं। बाकी लोगों को या तो अपनी स्थिति का अंदाजा ही नहीं है या फिर वे इलाज की सुविधा तक नहीं पहुंच पाते।हाइपरटेंशन को अब मौतों का एक बड़ा कारण माना जा रहा है। हर साल लाखों लोगों की जान स्ट्रोक और हार्ट अटैक जैसी बीमारियों से चली जाती है, जिनकी जड़ में बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर ही होता है। रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में हर घंटे 1000 से अधिक मौतें इसी कारण होती हैं।विशेषज्ञों का मानना है कि अगर समय रहते हाइपरटेंशन की पहचान कर उसका सही और नियमित इलाज किया जाए, तो 2023 से 2050 तक करीब 7.6 करोड़ मौतों को रोका जा सकता है।

हाइपरटेंशन बढ़ने के प्रमुख कारण

  • अस्वस्थ खानपान
  • शारीरिक निष्क्रियता
  • नशे की लत
  • तनाव और अव्यवस्थित दिनचर्या

सेहत पर असर – क्यों है यह “साइलेंट किलर”?

  • हृदय से जुड़ी बीमारियों और हार्ट फेलियर का जोखिम बढ़ता है।
  • ब्रेन स्ट्रोक (ब्लॉकेज या हेमरेज) की संभावना अधिक होती है।
  • किडनी की कार्यक्षमता प्रभावित होकर फेलियर की स्थिति आ सकती है।
  • डिमेंशिया और अन्य मस्तिष्क संबंधी खतरों को बढ़ जाता है।

WHO की रिपोर्ट के अनुसार

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार, 2011 से 2025 के बीच निम्न और मध्यम आय वर्ग के देशों को हृदय रोगों और हाई ब्लड प्रेशर से जुड़ी बीमारियों के कारण करीब 3.7 ट्रिलियन डॉलर का आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है। यह इन देशों की कुल GDP का लगभग 2% है। इस बीमारी का असर केवल स्वास्थ्य तक सीमित नहीं रहता, बल्कि सामाजिक और आर्थिक स्तर पर भी गहरा प्रभाव डालता है।

क्या हैं संभावित समाधान?

  • स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाना – समय पर ब्लड प्रेशर जांच की सुविधा
  • सस्ती और सुलभ दवाएं – WHO की अनुशंसित दवाएं सभी को उपलब्ध हों
  • जागरूकता बढ़ाना – जोखिम और बचाव की सही जानकारी देना
  • स्वस्थ जीवनशैली अपनाना जैसे नमक व प्रोसेस्ड फूड कम करें,रोजाना व्यायाम करें,नशे से दूर रहें और तनाव कम करें और नींद पूरी