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Winter Vomiting Bug: विंटर वोमिटिंग बग क्या है? सर्दियों में कैसे बिगाड़ रही है पेट और आंतों की सेहत

Winter Vomiting Bug: सर्दियों में फैलने वाला विंटर वोमिटिंग बग (Norovirus) उल्टी-दस्त और डिहाइड्रेशन का कारण बनता है। जानिए लक्षण, पेट पर असर और बचाव के उपाय।

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भारत

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Dimple Yadav

Dec 28, 2025

Winter Vomiting Bug

Winter Vomiting Bug (photo- melvin-pharmacy)

Winter Vomiting Bug: सर्दियों के मौसम में एक नाम अक्सर लोगों को परेशान कर रहा है और वो है विंटर वोमिटिंग बग। इसका वैज्ञानिक नाम नोरोवायरस (Norovirus) है। यह एक बेहद संक्रामक वायरस होता है, जो पेट और आंतों पर सीधा हमला करता है और कुछ ही घंटों में इंसान को बिल्कुल बेहाल कर देता है। यह बीमारी आमतौर पर 1-3 दिन रहती है, लेकिन इस दौरान पेट और आंतों की हालत खराब हो जाती है।

विंटर वोमिटिंग बग क्या है?

नोरोवायरस को विंटर वोमिटिंग बग इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह सर्दियों में ज्यादा फैलता है और अचानक तेज उल्टियां करवाता है। इसके साथ अक्सर पतले दस्त, मितली, पेट में ऐंठन, कमजोरी और कभी-कभी हल्का बुखार या सिरदर्द भी हो सकता है। इस वायरस के संपर्क में आने के 12 से 48 घंटे के भीतर लक्षण दिखने लगते हैं।

सर्दियों में लोग ज्यादा समय घर के अंदर, स्कूल, ऑफिस या बंद जगहों पर रहते हैं, जिससे यह वायरस तेजी से फैलता है। यह वायरस किसी संक्रमित व्यक्ति, गंदे हाथों, दूषित खाने-पानी या दरवाजों के हैंडल जैसी सतहों से आसानी से फैल सकता है। यही वजह है कि क्रूज शिप, हॉस्टल और नर्सिंग होम में इसके मामले ज्यादा सामने आते हैं।

यह वायरस पेट और आंतों को कैसे प्रभावित करता है?

जब नोरोवायरस शरीर में जाता है, तो यह सीधे छोटी आंत की अंदरूनी परत से चिपक जाता है। वहां यह तेजी से बढ़ता है और सूजन पैदा करता है। इससे आंतों की पानी और नमक सोखने की क्षमता बिगड़ जाती है, नतीजा होता है, पानी जैसे दस्त। पेट में ऐंठन इसलिए होती है क्योंकि आंतें इस वायरस को बाहर निकालने की कोशिश करती हैं। उल्टी शरीर का एक तरह का इमरजेंसी सिस्टम होता है, जिससे पेट वायरस को जल्दी बाहर निकाल देता है। इस पूरी प्रक्रिया में शरीर से बहुत ज्यादा पानी निकल जाता है, जिससे डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है।

गट बैक्टीरिया पर असर

नोरोवायरस सिर्फ सूजन ही नहीं करता, बल्कि आंतों में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया (गट माइक्रोबायोम) का संतुलन भी बिगाड़ देता है। रिसर्च बताती है कि इस संक्रमण के बाद कुछ समय तक आंतों में अच्छे बैक्टीरिया कम हो जाते हैं और हानिकारक बैक्टीरिया जैसे E. coli बढ़ सकते हैं। इससे ठीक होने के बाद भी पेट ढीला रहना या बेचैनी महसूस हो सकती है।

ठीक होने के आसान उपाय

ज्यादातर लोग 1 से 3 दिन में खुद ही ठीक हो जाते हैं। इस दौरान बार-बार थोड़ा-थोड़ा ORS या नमक-चीनी का घोल पिएं। उल्टी बंद होने पर हल्का खाना जैसे चावल, केला, टोस्ट लें। पूरी तरह ठीक होने के बाद भी 48 घंटे घर पर आराम करें।

बचाव कैसे करें?

  • साबुन से 20 सेकंड तक हाथ धोएं
  • गंदी सतहों को ब्लीच या डिसइंफेक्टेंट से साफ करें
  • आउटब्रेक के समय कच्चा खाना खाने से बचें
  • अगर मुंह सूखना, चक्कर आना, पेशाब कम होना या बच्चों-बुजुर्गों में लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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