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WHO Alert : हर मिनट 8 लोगों की जान ले रहा ‘Heart Attack’

Heart Attack Prevention Tips : वर्ल्ड हार्ट डे 2025 पर WHO ने कहा कि दक्षिण-पूर्व एशिया में हर मिनट 8 लोग हृदय रोग से मर रहे हैं। जानें बचाव और रोकथाम के उपाय।

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भारत

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Manoj Vashisth

Sep 29, 2025

Heart Attack

Heart Attack is killing 8 people every minute : (फोटो सोर्स: AI image@Gemini)

World Heart Day 2025 : विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने शनिवार को वर्ल्ड हार्ट डे से पहले कहा कि दक्षिण-पूर्व एशिया में हार्ट डिजीज मौतों का प्रमुख कारण है और हर मिनट आठ लोगों की जान इस बीमारी के कारण जाती है।

World Heart Day हर साल 29 सितंबर को हृदय रोगों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और ज्यादा लोगों की जान बचाने व बेहतर बनाने के लिए समय पर पता लगाने के महत्व को समझाने के लिए मनाया जाता है। इस वर्ष का विषय एक भी पल न गंवाएँ है।

हृदय रोगों का घातक चक्र: समय से पहले हो रही हैं मौतें

डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया की प्रभारी अधिकारी डॉ. कैथरीना बोहमे ने कहा, "डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में हर मिनट 8 लोग हृदय रोगों (सीवीडी) के कारण मरते हैं। इस क्षेत्र में हृदय रोग से मृत्यु का एक प्रमुख कारण है, जिनमें से आधे लोग समय से पहले मर जाते हैं, और उनकी उम्र 70 वर्ष से कम होती है।"

हार्ट डिजीज के प्रमुख जोखिम कारकों में हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, तंबाकू का सेवन, शराब का सेवन, नमक और वसा से भरपूर अस्वास्थ्यकर आहार और शारीरिक निष्क्रियता शामिल हैं।

इन 5 बड़े जोखिम कारकों को पहचानें

हृदय रोगों के बढ़ते मामलों के पीछे कई बड़े जोखिम कारक जिम्मेदार हैं, जिनमें हमारी गलत लाइफ स्टाइल सबसे आगे है। डॉ. बोहमे ने पांच मुख्य कारणों को रेखांकित किया:

हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) और डायबिटीज (मधुमेह): यह सबसे बड़ी चिंता का विषय है, क्योंकि इस क्षेत्र में 85% से अधिक हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के मरीजों की स्थिति नियंत्रण में नहीं है।

तंबाकू और शराब का सेवन: ये दोनों हृदय स्वास्थ्य के लिए जहर की तरह काम करते हैं।

अस्वास्थ्यकर आहार: नमक और वसा से भरपूर भोजन हमारी धमनियों को ब्लॉक कर रहा है।

शारीरिक निष्क्रियता: व्यायाम की कमी या आलस्य भी हार्ट डिजीज को बढ़ावा दे रहा है।

बढ़ता शहरीकरण: जनसंख्या वृद्धि और तेज़ी से बढ़ते शहरीकरण के कारण स्वास्थ्य प्रणालियों पर भारी दबाव पड़ रहा है, जो पहले से ही संसाधनों की कमी से जूझ रही हैं।

बोहेम ने कहा, "इस क्षेत्र में हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज से पीड़ित 85 प्रतिशत लोगों की स्थिति नियंत्रण में नहीं है।

उन्होंने आगे कहा, बढ़ती आबादी और बढ़ते शहरीकरण के साथ, हृदय रोगों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ रही है, जिससे पहले से ही संसाधनों की कमी से जूझ रही स्वास्थ्य प्रणालियों पर दबाव बढ़ रहा है।

विशेषज्ञ ने कहा कि पिछले दो वर्षों में देशों द्वारा नीतिगत उपायों और नैदानिक ​​हस्तक्षेपों ने उत्साहजनक प्रगति दिखाई है।

बोहेम ने कहा, जून 2025 तक सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाएं हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज से पीड़ित 9 करोड़ से ज्यादा लोगों को प्रोटोकॉल-आधारित प्रबंधन प्रदान कर रही हैं।"

उन्होंने अपर्याप्त वित्तीय और नियामक उपायों, नीतियों के कमजोर प्रवर्तन और अस्वास्थ्यकर वस्तुओं पर विपणन, पैकेजिंग और विज्ञापन प्रतिबंधों की खराब निगरानी जैसी कमियों का भी उल्लेख किया, जो प्रगति में बाधा डालती हैं।

जन जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर ज़ोर देते हुए, उन्होंने हृदय रोगों से निपटने के लिए समग्र समाज दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया।

बोहमे ने कहा, व्यक्तियों के लिए, स्वस्थ हृदय के लिए तंबाकू छोड़ना, नमक का सेवन कम करना, दैनिक शारीरिक गतिविधि और तनाव प्रबंधन महत्वपूर्ण कदम हैं। सरकारों और नीति निर्माताओं के लिए, नमक कम करने के उपायों को लागू करना, राष्ट्रीय खाद्य आपूर्ति से औद्योगिक रूप से उत्पादित ट्रांस-वसा को हटाना और व्यापक तंबाकू नियंत्रण कानूनों को लागू करना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक होना चाहिए।"