
Preventions from rabies|फोटो सोर्स – Freepik
World Rabies Day: हर साल 28 सितम्बर को विश्व रेबीज दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य है लोगों को इस घातक वायरस के बारे में जागरूक करना ताकि समय रहते बचाव किया जा सके।रेबीज एक ऐसी बीमारी है जो एक बार होने पर लगभग जानलेवा साबित होती है। कई लोग तो यह मानते हैं कि रेबीज का खतरा सिर्फ कुत्तों के काटने से फैलता है, लेकिन हकीकत यह नहीं है। कई ऐसे जानवर हैं जिससे रेबीज फैलता है।आइए जानते हैं किन-किन जानवरों से हो सकता है रेबीज का खतरा, ताकि आपको रहे सही जानकारी जिससे आप सतर्क रहें।
2025 की World Rabies Day की थीम "Act Now: You, Me, Community"इसमें एक महत्वपूर्ण संदेश है कि रेबीज से बचाव केवल किसी एक की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि यह हम सभी की साझी जिम्मेदारी है। समय रहते कदम उठाना और व्यक्ति से लेकर पूरे समुदाय तक, हर स्तर पर सहयोग करना बेहद जरूरी है।
रेबीज के सबसे बड़े वाहक कुत्ते ही होते हैं। बिना वैक्सीन वाले पालतू या आवारा कुत्तों के काटने से इसका खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
दुनिया भर में चमगादड़ को रेबीज फैलाने वाला सबसे खतरनाक कैरीयर माना जाता है। इनके काटने या यहां तक कि इनके लार के संपर्क से भी संक्रमण हो सकता है।
अक्सर लोग सोचते हैं कि सिर्फ कुत्ते ही रेबीज फैला सकते हैं, लेकिन बिल्लियों के काटने या खरोंचने से भी ये वायरस इंसानों में पहुंच सकता है।
पहली नजर में ये जानवर मासूम दिखते हैं, लेकिन इनके काटने से भी संक्रमण का खतरा बना रहता है। कई देशों में इन्हें रेबीज वायरस का छुपा हुआ स्रोत माना जाता है।
जंगली इलाकों में पाए जाने वाले ये जानवर भी इंसानों और पालतू पशुओं में रेबीज फैला सकते हैं।
जंगली और आवारा जानवरों से दूरी बनाए रखें।
जानवर के काटते ही तुरंत घाव को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोएं।
तुरंत नजदीकी अस्पताल जाएं और एंटी-रेबीज वैक्सीन लगवाएं।
अपने पालतू कुत्ते या बिल्लियों को समय-समय पर रेबीज का टीका जरूर लगवाएं।
Published on:
28 Sept 2025 09:40 am
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