तिथि
सूर्योदय से अर्धरात्रि 01.44 मिनट तक नवमी तिथि रहेगी। पश्चात दश्मी तिथि लगेगी। नवमी तिथि में दुर्गा की पूजा करके मनुष्य इच्छा पूर्वक संसार-सागर को पार कर लेता है। तथा संग्राम और लोकव्यवहार में वे सदा विजयी प्राप्त करता है। दश्मी तिथि को यम की पूजा करना चाहिए, वे निश्चिंत ही सभी रोगों को नष्ट करने वाले हैं और नरक तथा मृत्यु से मानव का उद्धार करने वाले हैं।
नक्षत्र
सूर्योदय से अर्धरात्रि 03.43 मिनट तक तीक्ष्ण दारुण आद्रा नक्षत्र रहेगा। पश्चात चर चल पुनर्वसु नक्षत्र लगेगा। अन्य कार्य सभी प्रकार के मंगल कार्यों के लिए आद्रा नक्षत्र निषिद्ध माने गए हैं। वहीं, सन्यास, मुकदमेंबाज़ी आदि कार्य आद्रा एवं पुनर्वसु दोनो नक्षत्र में किये जा सकते हैं। मकान, दुकान, छत, कुआं, सड़क और जल संबंधी कार्य पुनर्वसु नक्षत्र में करना शुभ रहता है।
योग
सूर्योदय से प्रात 10.11 मिनट तक प्रीति आयुष्मान योग रहेगा। पश्चात सौभाग्य योग लगेगा। आयुष्मान योग के स्वामी चंद्रदेव माने जाते हैं, जबकि सौभाग्य योग के स्वामी ब्रह्मदेव माने गए हैं।
विशिष्ट योग
दोनो ही योग बेहद शुभ होते हैं। इनमें किये गए कार्य की सफलता सुनिश्चितता रहती है। सगाई, विवाह, आदि कार्यों के लिए सौभाग्य योग में कार्य सफल होते हैं।
आज का शुभ मुहूर्त
अनुकूल समय में पूर्व दिशा में व्यवसायिक यात्रा करने के लिए शुभ मुहूर्त है।
श्रेष्ठ चौघड़िए
प्रातः 06.37 मिनट से 11.04 मिनट तक क्रमशः चंचल लाभ व अमृत के चौघड़िया रहेंगे। दोपहर 12.33 मिनट से 02.02 मिनट तक शुभ का चौघड़िया रहेगा एवं दोपहर 05.00 मिनट से सायंः 06.29 मिनट तक चंचल का चौघड़िया रहेगा।
करण
सूर्योदय से दोपहर 02.34 मिनट तक बालव नामक करण रहेगा। इसके पश्चात कौलव नामक करण लगेगा। इसके पश्चात तौतिल नामक करण लगेगा।
व्रतोत्सव
व्रत/पर्वः आन्नदा नवमी। ब्रज में होली प्रारंभ। होरी बरसाना। श्री हरि जयंति। प्रातः 08.57 मिनट पर बुध ग्रह वक्री गति से कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे।
चंद्रमाः सूर्योदय से लेकर संपूर्ण दिवस पर्यन्त तक चंद्रमा वायु तत्व की मिथुन राशि में रहेंगे।
दिशाशूलः पश्चिम दिशा में। अगर हो सके तो आज पश्चिम दिशा में की जाने वाली यात्रा को टाल दें।
राहु कालः प्रातः 11.04.17 से 12.33.21 तक राहु काल वेला रहेगी। अगर हो सके इस समय में शुभ कार्यों को करने से बचना चाहिए।