guru nanak ayodhya yatra key evidence in Ayodhya dispute
नई दिल्ली। अयोध्या विवाद ( Ayodhya verdict ) में SC ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को अहम आधार बनाया था। इसी के तहत साल 1949 से उलझा हुआ राम जन्मभूमि का मामला आखिरकार सुलझ गया। अयोध्या मामले में हर पक्ष की दलीलों को केंद्रित करते हुए फैसला सुनाया गया। अदालत ने आदेश सुनाते हुए बताया कि सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने अयोध्या की यात्रा की थी। उन्होंने सन 1510-11 में भगवान राम की जन्मभूमि के दर्शन किए थे। गुरु नानक देव की अयोध्या यात्रा के पुख्ता प्रमाण हैं जिससे पता चलता है कि 1528 ईसवी से पहले भी तीर्थयात्री भगवान राम की जन्मभूमि की तीर्थयात्री को जाया करते थे।
जन्म साखी में है यह उल्लेख सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जन्म साखी में यह उल्लेख है कि गुरु नानक देव जी अयोध्या गए थे और उन्होंने राम जन्मभूमि का दर्शन किया था। जन्म साखी को शीर्ष अदालत में रिकॉर्ड पर रखा गया है। गुरु नानक देव का राम जन्मभूमि का दर्शन करने आयोध्या जाने की घटना से साफ है राम जन्मभूमि का अस्तित्व था। बता दें कि इस तथ्य का अवलोकन करने वाले जज का नाम नहीं बताया गया है।
सिख धर्म के जानकार, चिंतक और लेखक डॉ. सत्येंद्र पाल सिंह एक हिंदी वेब पोर्टल को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि ‘अयोध्या की पहचान श्री राम से है।’ उनका मानना है कि ‘9 नवंबर को अयोध्या पर SC का फैसला आना और उसी दिन करतारपुर कॉरिडोर का उदघाटन महज एक संयोग नहीं, बल्कि सत्य का सिद्ध होना है।’