
कहा जाता है कि कलियुग में हनुमान जी तथा भैरव जी जागृत देवता हैं। ये बहुत थोड़े से प्रयास से ही प्रसन्न हो जाते हैं और मनचाहे वरदान भी दे देते हैं बशर्ते उनसे किसी का अहित न होता हो। दोनों ही देवताओं के लिए शास्त्रों में कुछ उपाय ऐसे बताए गए हैं जिन्हें करते ही इन देवताओं के दर्शन होते हैं और बड़े से बड़ा दुर्भाग्य भी पलक झपकते सौभाग्य में बदल जाता है।
हनुमानजी को ऐसे करें प्रसन्न
बजरंग बली को प्रसन्न करने का यह बहुत आसान उपाय है। इसमें ज्यादा मेहनत भी नहीं है और तुरंत फल भी मिलता है। आपको केवल इतना सा करना है कि शनिवार अथवा मंगलवार के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर धुले हुए (हल्के रंग के यथा सफेद, पीले अथवा गुलाबी आदि) स्वच्छ वस्त्र पहन कर किसी मंदिर में जाए और वहां पर हनुमानजी को सिंदूर का चोला चढ़ाएं। इसके बाद देसी घी का दीपक जलाएं, उन्हें फूल माला, प्रसाद आदि अर्पित करें और आसन पर बैठ कर सुंदरकांड का पाठ आरंभ करें।
पाठ पूर्ण होने के बाद राम नाम की 10 माला जपें। अंत में जाने-अनजाने हुए भूलों के लिए मारूति नन्दन से क्षमा मांगते हुए अपने कष्टों के निवारण की प्रार्थना करें। मन्दिर से बाहर आकर अपनी यथाशक्ति दूसरों को भोजन दान दें। यदि कुछ भी संभव न हो तो चीनी के कुछ दाने या चुटकी भर आटा चीटिंयों के निमित्त उनके बिल पर ही डाल दें। इस तरह मंगलवार अथवा शनिवार को प्रयोग आरंभ कर तब तक करे जब तक कि आपके कष्ट दूर न हो जाएं और आपकी सभी समस्याएं सुलझ न जाएं।
प्रयोग में ध्यान रखें ये सावधानियां
इस प्रयोग में सबसे बड़ी सावधानी यही रखनी है कि आपको किसी का अहित नहीं करना है और न ही किसी का बुरा होने की कामना करनी है। एकमात्र अपने इष्टदेव पर आश्रित होकर उनसे ही कष्टों के निवारण की प्रार्थना करनी है, अन्य किसी से नहीं।
Published on:
18 Dec 2020 07:46 pm
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