13 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

ह्यूमन कंप्यूटर शकुंतला देवी : गरीबी और तंगहाली में गुजरा बचपन, स्कूल से कट गया था नाम, फिर भी नहीं ठहर प्रतिभा

उनके पिता सर्कस के कलाकार थे और बेहद गरीब थे। वह शकुंतला के स्कूल की 2 रुपये महीने की फीस भर पाने की स्थिति में भी नहीं थे।स्कूल से नाम कटने पर उनकी प्रतिभा ठहर नहीं गई।

2 min read
Google source verification
national mathematics day

national mathematics day

नई दिल्ली। हर साल 22 दिसंबर को राष्ट्रीय गणित दिवस मनाया जाता है। राष्ट्रीय गणित दिवस इसलिए मनाते हैं क्योंकि लोगों में मानवता के विकास के लिए गणित के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना। युवा पीढ़ी के बीच गणित सीखने के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को प्रेरित करने, उत्साहित करने और विकसित करने के लिए कई पहल की जाती हैं। राष्ट्रीय गणित दिवस के मौके पर स्कूल और कॉलेजों में गणित शिक्षकों और छात्रों को शिविरों के माध्यम से प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है। इस खास अवसर पर आपको देश की जानीमानी गणितज्ञ एवं समाजसेवी शकुन्तला देवी के बारे में बताने जा रहे है।


गरीबी और तंगहाली में गुजरा बचपन
शकुंतला देवी का जन्म 4 नवंबर, 1929 को बेंगलुरु में हुआ था। 21 अप्रैल, 2013 को बेंगलुरु के एक अस्पताल में किडनी की बीमारी से उनका निधन हो गया। वह एक रुढीवादी कन्नड़ ब्राह्मण परिवार से आती हैं। उनके पिता परंपरा अनुसार मंदिर के पुजारी बनना नहीं चाहते थे। इसी कारण उन्होंने किसी सर्कस में नौकरी कर ली। उनका जीवन गरीबी और तंगहाली में गुजरा। उनका लालन पालन गाविपुरम में हुआ था जो गुट्टाहल्ली का झोपड़पट्टी वाला इलाका था।

यह भी पढ़े :— पत्नी को महंगा पड़ा झगड़ा करना, घर से 450KM पैदल चला पति, पुलिस ने लगाया जुर्माना

फीस नहीं भर पर स्कूल से कट गया था नाम
गरीबी के अभाव में उनको कोई औपचारिक शिक्षा भी नहीं मिली। उनके जीवन का एक बहुत ही दुखद घटना भी है। एक तो आर्थिक तंगी की वजह से उनका दाखिला 10 साल की उम्र में सेंट थेरेसा कॉन्वेंट, चमाराजपेट में पहली क्लास में कराया गया। गरीबी की वजह से उनके पिता स्कूल की फीस देने में असक्षम थे जिस कारण 3 महीने बाद ही स्कूल से उनका नाम काट दिया गया। ऐसा कहा जाता है कि उनके पिता शकुंतला के स्कूल की 2 रुपए महीने की फीस भर पाने की स्थिति में भी नहीं थे।

यह भी पढ़े :— मजदूर के बेटे ने बनाई रिवर्स गीयर वाली बाइक, पेट्रोल की नहीं पड़ेगी जरूरत

ज्योतिष और खगोल विज्ञान का था शौक
शकुंतला देवी को ज्योतिष और खगोल विज्ञान का बहुत शौक था। उन्होंने ज्योतिष की वैज्ञानिक व्याख्या करते हुए कई किताबें लिखी हैं। अपनी किताबों में उन्होंने ज्योतिष और खगोल विज्ञान के बीच करीबी संबंध की बात स्वीकार की थी। बताया जाता है कि शकुंतला देवी की कैलकुलेशन करने की स्पीड इतनी तेज थी कि पूरी दुनिया में उन्हें ह्यूमन कंप्यूटर के नाम से जाना जाता था। इतना ही नहीं उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज था।