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बता दें कि सन 1958 में एक बंदर के अंदर यह वायरस पाया गया था। पहले यह वायरस मध्य और पश्चिम अफ्रीका के लोगों को ही संक्रमित करता था। गौरतलब है कि उष्णकटिबंधीय जंगलों में भोजन के तौर पर खाए जाने वाले गैर पालतू स्तनधारियों, सरीसृपों, उभयचरों और पक्षियों के मांस को बुशमीट कहते हैं।
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मंकीपॉक्स से संक्रमित होने वाले शख्स में शुरूआती लक्षण आघात, बुखार, मांसपेशियों में दर्द और ठंड लगना होता है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आमतौर पर यह बीमारी जानलेवा नहीं होती लेकिन दुर्लभ मामलों में इसने कई लोगों की जान भी ली है।
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सिंगापुर के स्वास्थ मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए बताया कि यह वायरस 28 अप्रैल को सिंगापुर पहुंचा था। बयान में आगे बताया गया कि इस वायरस से पीड़ित 38 वर्षीय व्यक्ति को कड़ी देख-रेख में रखा गया है। इस व्यक्ति में दो दिन बाद वायरस के लक्षण दिखाई दिए। फिलहाल, व्यक्ति की हालत स्थिर बताई जा रही है। यूं तो इसके फैलने का खतरा कम है लेकिन ऐतिहातन फिर भी सिंगापुर का स्वस्थ मंत्रालय किसी तरह का जोखिम नहीं उठाना चाहता।