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सिलबट्टे और फल बेचने वाली बनीं सब-इंस्पेक्टर, पढ़े महिला की संघर्ष और हिम्मत की कहानी

अगर मन में कुछ करने गुजरने का इरादा हो तो कुछ भी असंभव नहीं है। अपने लक्ष्य को पाने के लिए दृढ़ निश्चय हो तो सारी कायनात उसका साथ देने में जुट जाती है। इस दौरान कितनी भी मुश्किलों सामने आए लेकिन ऐसे लोग अपने लक्ष्य से कभी विचलत नहीं होते है।

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padmashila tirpude

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अगर मन में कुछ करने गुजरने का इरादा हो तो कुछ भी असंभव नहीं है। अपने लक्ष्य को पाने के लिए दृढ़ निश्चय हो तो सारी कायनात उसका साथ देने में जुट जाती है। इस दौरान कितनी भी मुश्किलों सामने आए लेकिन ऐसे लोग अपने लक्ष्य से कभी विचलत नहीं होते है। आज आपको एक ऐसी ही महिला के संघर्ष के बारे में बताने जा रहे है। सोशल मीडिया पर एक महिला की संघर्ष और हिम्मत की कहानी वायरल हो रही है। यह कहानी पुलिस सब-इंस्पेक्टर पद्मशीला तिरपुडे की है। पत्थर के सिलबट्टे बनाकर बेचने वाली पद्मशील ने मेहनत और लगन से MPAC में पास कर पुलिस उपनिरीक्षक बनीं। सभी लोग इस सब इंस्पेक्टर की जमकर तारीफ कर रहे है।

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पति ने किया फुल सपोर्ट
आईपीएस अधिकारी दीपांशु काबरा ने भी पद्मशीला की तस्वीर शेयर की। आईपीएस का कहना है कि परिस्थितियां आपकी उड़ान नहीं रोक सकती। किस्मत भले आपके माथे पर भारी पत्थर रखे लेकिन उनसे कामयाबी का पुल कैसे बनाना है। उन्होंने अपने अगले ट्वीट में बताया कि उनके इस संघर्ष में पति ने पूरा साथ दिया। शुरुआती दिनों में वह अपने पति के साथ मजदूरी करती थीं। आर्थिक स्थिति खराब होने के बावजूद पति ने यह तय किया कि वह पत्नी को आगे बढ़ाएंगे और पढ़ाई पूरी करवाएंगे। सिलबट्टे और फल बेचते पद्मशीला ने बैचलर पूरा किया और एमपीएसी क्लियर कर पुलिस उपनिरीक्षक बनीं।

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महिला के संघर्ष को सलाम
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक फोटो में लाल साड़ी पहने महिला बच्चे को गोद में उठाए नजर आ रही है। उसके सिर पर पत्थर के सिलबट्टे रखे हैं। दूसरी फोटो में वह पुलिस की वर्दी में अपने परिवार के साथ बैठी है। ऐसा कहा जा रहा है महिला जीने के लिए संघर्ष कर रही थी और मेहनत कर पुलिस सब-इंस्पेक्टर बनी। हालांकि एक इंटरव्यू के दौरान पद्मशीला तिरपुडे ने कहा कि वो मैं नहीं हूं मैंने कभी सिलबट्टे नहीं बेचे। सोशल मीडिया पर यूजर महिला के जज्बे को सलाम कर रहे है।