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खुलासा : लॉकडाउन के दौरान 27 फीसदी बढ़े पुरुष खुदखुशी के मामले

locationइंदौरPublished: Jun 15, 2020 05:16:37 pm

Submitted by:

Faiz

चौंका देंगे पुरुष खुदखुशी के आंकड़े।

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खुलासा : लॉकडाउन के दौरान 27 फीसदी बढ़े पुरुष खुदखुशी के मामले

इंदौर/ कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन का भले ही कुछ लोग आर्थिक संकट बढ़ने का बड़ा कारण माने, लेकिन आपराधिक दृष्टि से देखें तो, लॉकडाउन काफी शांतिपूर्ण साबित हुआ। ढाई माह से अधिक चली लॉकडाउन की अवधि में छोटे-बड़े सभी अपराधों में 90 फीदी से ज्यादा की कमी देखी गई। लेकिन, हैरानी इस बात की है कि, पुरुषों द्वारा आत्महत्या के मामलों में मध्य प्रदेश में 27 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई।

 

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इस आधार पर किया गया आंकलन

पुरुष अधिकारों के लिए कार्यरत इंदौर की संस्था ‘पोरूष’ के साथ राष्ट्रीय पुरुष आयोग समन्वय समिति दिल्ली और एनसीआरबी के अनुसार, इंदौर समेत प्रदेशभर में पुरुष आत्महत्या की स्थिति पिछले साल 25 मार्च से 31 मई तक की तुलना में इस साल लॉकडाउन के दौरान इसी अवधि में 27 फीसदी ज्यादा रही।

 

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चौंका देंगे ये आंकड़े

विशव स्वास्थ संगठन (WHO) के मुताबिक, दुनियाभर में हर साल औसतन 8 लाख लोग आत्महत्या करते हैं, हारानी की बात ये है कि, इनमें 21 फीसदी लोग भारतीय होते हैं। पूरी दुनिया में हर 40 सेकंड में एक युवक आत्महत्या करता है। देशभर में पुरुषों की खुदखुशी के मामले में पश्चिम बंगाल का पहला स्थान है, जबकि मध्य प्रेश पांचवे क्रम पर है और विश्व में भारत अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है।

 

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25 मार्च से 31 मई 2020 की गत वर्ष से बड़े शहरों की तुलनात्मक स्थिति

-इंदौर में हर माह औसतन 67 लोग आत्महत्या कर लेते हैं। हालांकि, 2019 में 133 मामले सामने आए। जबकि 2020 में ये संख्या बढ़कर 163 हो गई।

-भोपाल में हर माहव औसतन 63 लोग आत्महत्या कर लेते हैं। वहीं, 2019 में शहर में कुल 125 लोगों ने आत्महत्या की थी, जबकि 2020 में आत्महत्या का आंकड़ा 151 था।

-जबलपुर में औसतन हर माह 74 लोग आत्महत्या करते हैं। इस हिसाब से 2019 में 148 पुरुषों ने आत्महत्या की, जबकि 2020 में ये आंकड़ा 184 जा पहुंचा। हालांकि, इन सभी आंकड़ों का औसत 27 फीसदी बढ़ा है।

 

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मामूली बात पर इंदौर के लोगों ने किया सुसाइड

-फेसबुक किया मां का फोटो पोस्ट और खा लिया जहर

3 अप्रैल को मयूर नगर निवासी पुनीत पालीवाल ने अपनी पत्नी पत्नी से विवाद के बाद फेसबुक पर अपनी मां का फोटो पोस्ट कर लिखा-‘मां ही मेरा सबकुछ है, पूरी दुनियां मां के पैरों में है’। ये पोस्ट करने के थोड़ी देर बाद ही खबर आई कि, पुनीत ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली।


-पत्नी और बच्चों को थाने में प्रेमी के हवाले कर युवक ने लगाई फांसी

29 अप्रैल को पत्नी और उसके प्रेमी से परेशान होकर माचला ग्राम निवासी पेंटर ने आत्महत्या कर ली। पत्नी प्रेमी के साथ जाना चाहती थी। पति द्वारा इसका विरोध करने पर उसे झूठे केस में फसाने की धमकी दे रही थी। आखिरकार पति ने थाने ले जाकर पत्नी को बच्चों सहित प्रेमी को सौंपकर अपने घर लौटकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

-गृह कलेह के कारण पत्नी के क्लिनिक में फाइनेंसर पति ने लगाई फांसी

12 अप्रैल को विष्णुपुरी निवासी व्यक्ति ने डॉक्टर पत्नी के क्लिनिक में फांसी लगा ली। जानकारी के मुताबिक, पत्नी का सास ननद से विवाद हुआ था।

 

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‘एक पक्षीय लैंगिक कानून करता है दुर्भावना से ग्रस्त’

संस्था पौरूष के अध्यक्ष अशोक दशोरा का कहना है कि, ‘देश में दुर्भावना से ग्रसित महिला कानूनों की आड़ लेकर महिला द्वारा अपने साथ हुए उत्पीड़न को बढ़ा चढ़ाकरपेश करने और पुरुषों के प्रति अत्याचार को कम आंकने की सोच को कारण हर साल लाखों युवा घरेलू विवाद में खुदखुशी कर लेते हैं। पुलिस और मीडिया पुरुषों की खुदखुशी को दूसरा रंग देकर पेश करते हैं।’

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