
‘बैटमार’ विधायक से अफसर बोले- जेल की रोटी खा लो, सब पनौती मिट जाएगी
इंदौर. नगर निगम अफसर की बल्ले से पिटाई के बाद विधायक आकाश विजयवर्गीय के खिलाफ न सिर्फ एफआईआर हुई, बल्कि उनकी जमानत भी निरस्त हो गई और 14 दिन के न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। रात करीब साढ़े आठ बजे जेल भेजा गया। सूत्रों के अनुसार जेल के अंदर जाने के बाद अफसरों ने पूछा कि पहले कभी जेल का कोई अनुभव है क्या, वह किसी आंदोलन के चलते जेल आए हैं क्या? आकाश ने मना कर दिया। इसके चलते अफसरों ने पहले सारे नियमों के बारे में जानकारी दी। उन्हें बताया गया कि क्या सामान ले जा सकते हैं और क्या नहीं ले जा सकते।
आकाश के जेल में आने के बाद उसके समर्थक कपड़े और खाने का सामान लेकर वहां पर पहुंचे थे। जेल गेट पर पुलिस से बात करने के बाद खाना लेकर वे लोग जेल गेट तक जा पहुंचे। वहां उन्होंने गेटकीपर से बात की। गेटकीपर ने अफसरों से बात कर सामान वापस कर दिया। आकाश ने खाना नहीं खाया, इसके चलते जेल का ही खाना दिया गया। पहले तो वे कुछ हिचकिचा रहे थे। इस पर अफसरों ने बताया कि जेल का खाना अच्छा रहता है। ऐसा कहा जाता है कि जेल का खाना खाने से कई पनौतियां भी मिट जाती हैं। इसके बाद आकाश ने जेल की सब्जी रोटी खाई और अपनी बैरक में चले गए।
गिरफ्तारी के बाद से ही जेल में तैयारी
आकाश की गिरफ्तारी के बाद ही जेल में तैयार रहने के लिए कह दिया गया था। शहर की दोनों ही जेलों पर व्यवस्था कर ली गई थी। सुरक्षा के लिहाज से सेंट्रल जेल ठीक थी, लेकिन मिल एरिया पास में है। इसके चलते अफसर चाहते थे कि जमानत निरस्त होने पर जिला जेल ही भेजा जाए। वहां इसके लिए अफसरों को भी बुला लिया गया था। गिरफ्तारी के बाद ही अफसरों को व्यवस्थाओं के लिए जेल पर बुला लिया गया था।
अधीक्षक के कमरे में बैठे
जेल सूत्रों के अनुसार अंदर आने के बाद पहले तो आकाश की तलाशी ली गई। उनके पास में मोबाइल, पर्स और दूसरा सामान था, जिसे गेट पर जमा किया गया। इसके बाद अंदर जेल अधीक्षक के कमरे में विधायक रमेश मेंदोला के साथ काफी देर तक बात करते रहे। जेल बंद होने का समय हो चुका था। इसके चलते अधीक्षक ने अंदर जाने के लिए कहा। इसके बाद मेंदोला भी रवाना हो गए और आकाश को छह नंबर बैरक में पहुंचा दिया गया।
रात में भीड़ सुबह नदारद रहे समर्थक
जेल के बाहर आकाश के समर्थक मौजूद थे, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, वैसे-वैसे उनकी संख्या कम होती चली गई। रात 12.30 के लगभग इक्का-दुक्का लोग ही बचे थे, वह भी कुछ समय बाद वहां से चले गए। उनके जाने के बाद पुलिस अफसर भी वहां से रवाना हो गए। जेल पर एसएएफ का गार्ड तैनात कर दिया गया था। ऐहतियातन वहां फायर ब्रिगेड का अमला भी तैनात कर दिया गया। रात में ड्यटी करने वाले बिस्तर लेकर आए थे।
निगमकर्मियों ने विरोध में बांधी काली पट्टी
निगम अधिकारी की पिटाई के मामले में गुरुवार को नगर निगमकर्मियों का गुस्सा फूट पड़ा। निगम कर्मियों ने एक ओर जहां काली पट्टी बंदकर घटना का विरोध किया। वहीं निगम के कर्मचारी संगठनों के आह्वान पर आधे दिन के हड़ताल पर चले गए। इसके पहले हजारों की संख्या में निगमकर्मी संभागायुक्त कार्यालय पहुंचे और संभागायुक्त को मामले में कड़ी कार्रवाई करने के लिए ज्ञापन दिया। इस दौरान उन्होंने जमकर नारेबाजी भी की।
Published on:
27 Jun 2019 01:34 pm
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