
बाइक पर लगे जीपीएस से कंजर गिरोह तक पहुंचा मालिक, पुलिस ने देखा ये नजारा
इंदौर. एरोड्रम थाना क्षेत्र के छोटा बांगड़दा में जिस रात आधा दर्जन बदमाशों ने एक साथ छह बाइक उड़ाई। उसके कुछ घंटे बाद जूनी इंदौर थाना क्षेत्र स्थित स्कूल के बाहर से नई बाइक चोरी हुई। बाइक में लगे जीपीएस सिस्टम से वाहन मालिक पुलिस को लेकर बदमाश के देवास स्थित ठिकाने पर पहुंचे। लेकिन हमेशा की तरह शातिर बदमाश पुलिस को देखकर भाग निकले। हालांकि फरियादी के टेक्नो फ्रेंडली होने से पुलिस को बदमाशों का असल ठिकाना मिल गया। बाइक मालिक को यकीन है कि पुलिस उन्हें जल्द चोरी गई बाइक बदमाश से जब्त कर लौटा देगी।
जूनी इंदौर क्षेत्र के स्कूल में नौकरी कर रहे फरियादी संतोष भाबर ने शुक्रवार सुबह थाने पहुंचकर बाइक क्रमांक एमपी 09 वीएम 6766 के चोरी होने की सूचना दी। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया है। घटना के संबंध में उन्होंने बताया कि वे स्कूल में ड्राइवर हैं। सुबह सात बजे पवनपुरी स्थित घर से अपनी नई बाइक से ड्यूटी करने पहुंचे। अग्रसेन स्कूल गेट पर उन्होंने बाइक खड़ी की। करीब आठ बजे स्कूल के गार्ड ने सूचना दी कि कोई बदमाश उनकी बाइक चोरी कर ले गया। चोरी करने आए बदमाश ने मुंह पर कपड़ा बांध रखा था। उसकी हरकत वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है। सुरक्षा की दृष्टि से उन्होंने बाइक में जीपीएस ट्रैकर लगवाया था।
उन्होंने तुरंत मोबाइल पर एेप से बाइक को सर्च किया। कुछ देर तक उन्हें लोकेशन नहीं मिली। संभवत: नेटवर्क नहीं मिलने से उन्हें बाइक की लोकेशन नहीं मिली। वे थाने पहुंचे और पूरी घटना पुलिस को बताई। इस दौरान उन्होंने फिर ट्रेकर ऑन किया तो बाइक 90 की स्पीड पर दौडऩा पता चला। बाइक की आखिरी लोकेशन उन्हें देवास के टोंकखुर्द गांव के समीप मिली। वे पुलिस के साथ वहां पहुंचे तो पता चला कंजर गिरोह रहता है। गांव में बाइक तलाशी तो एक पेड़ के नीचे कुछ बदमाश उनकी बाइक पर बैठे गप्पे लड़ा रहे थे। पुलिस टीम ने बदमाश को पकड़ऩे के लिए घेराबंदी की तो वह बाइक पर बैठकर भाग गए। देर तक तलाशी के बाद बदमाश नहीं मिले।
एरोड्रम चोरी में कंजर गिरोह पर शक
एरोड्रम टीआई अशोक पाटीदार के मुताबिक छोटा बांगडदा में चोरी गई छह बाइक के पीछे उन्हें कंजर गिरोह का हाथ लग रहा है। फुटेज के आधार पर वे बदमाशों की तलाश कर रहे हे।
बदमाश ने किया ट्रेकर बंद, पहले भी हो चुकी बाइक चोरी
संतोष का कहना है कि पुलिस को देख बदमाशों को संदेह हो गया कि बाइक में कुछ एेसा डिवाइस लगा है जिससे उनकी लोकेशन ट्रेस हुई है। उन्होंने डिवाइस लगाने वाले इंजीनियर से बात की तो उन्होंने वाहन की बैट्री तीन घंटे और चलने की बात कही। हालांकि कुछ देर बाद लोकेशन दिखना बंद हो गई।
संतोष का कहना है कि उन्होंने वर्ष 2017 में पल्सर बाइक खरीदी थी जिसकी कीमत एक लाख रुपए से अधिक थी। उक्त बाइक भी उनकी स्कूल परिसर के बाहर से 28 अप्रैल 2018 को चोरी हुई। इसके बाद उन्होंने बीती दीवाली फिर हिम्मत कर नई बाइक खरीदी। उसकी सुरक्षा के लिए उन्होंने जीपीएस लगवाया था। उन्हें यकीन है कि पुलिस जल्द उनकी मेहनत की कमाई से खरीदी गई बाइक को बदमाश के कब्जे से छुड़ाएगी।
Published on:
09 Jun 2019 01:32 pm
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