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एमपी में पहली बार नोटरी पर प्लॉटों की खरीदी-बिक्री बैन, 58 पर FIR के आदेश जारी

MP News: मध्य प्रदेश में पहली बार नोटरी पर जमीन या प्लॉट की खरीद-बिक्री बंद, फिलहाल इंदौर कलेक्टर ने जारी किया आदेश, ठगी और धोखाधड़ी के मामलों पर कसेगी लगाम, आदेश के बावजूद वकील नहीं मानें, तो लाइसेंस होगा निरस्त

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MP News: अवैध कॉलोनियों में प्लॉटों की खरीदी-बिक्री पर जिला प्रशासन ने नकेल कस दी है। कलेक्टर आशीष सिंह ने इंदौर जिले की सीमा में अचल संपत्ति की नोटरी करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा-163 (1) (2) के तहत जारी प्रतिबंधात्मक आदेश में कहा गया है कि अचल संपत्ति की नोटरी पर रोक से जन-सामान्य को होने वाली परेशानियों के साथ अवांछनीय गतिविधियों को रोका जा सकता है। इस आदेश के बाद नोटरी होने पर नोटरी करने वाले वकील का लाइसेंस निरस्त किया जाएगा और एफआइआर जैसी कार्रवाई भी होगी।

रजिस्ट्री शून्य करने और पैसा वापस लौटाने का आदेश जारी

मालूम हो, कलेक्टर सिंह ने अवैध कॉलोनियों के प्लॉटों की रजिस्ट्री शून्य करने और कॉलोनाइजर को पैसे लौटाने का आदेश दिया था। इस पर पत्रिका ने अवैध कॉलोनियों में नोटरी से होने वाली गड़बड़ी का खुलासा किया था कि 100 में से 90 अवैध कॉलोनियों में नोटरी पर ही प्लॉट बेचे जाते हैं। इसके बाद कलेक्टर सिंह ने नोटरी पर प्लॉटों की बिक्री रोकने के लिए वरिष्ठ जिला पंजीयक, जिला पंजीयक, उप पंजीयक, एसडीओ, एसडीएम, थाना प्रभारी व पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को आदेश का पालन करने के निर्देश दिए हैं। यह आदेश 25 जुलाई तक प्रभावशील रहेगा।

बड़ी संख्या में होती है ठगी

अवैध कॉलोनियों में नोटरी पर प्लॉटों की खरीदी-बिक्री से बड़े पैमाने पर ठगी होती है। अवैध कॉलोनी काटने वाले सरकार से बगैर अनुमति व टैक्स चुकाए गड़बड़ी करते हैं। बाद में एक ही प्लॉट कई लोगों को बेच दिया जाता है। इससे विवाद होते हैं। पिछले दिनों जनसुनवाई में पहुंचे एक परिवार की कहानी भी कुछ ऐसी ही थी। जमीन से ज्यादा प्लॉटों की नोटरी करने से कई परिवारों की जीवन भर की पूंजी डूब जाती है। कुछ तो कर्ज लेकर प्लॉट खरीदते हैं।

ऐसे भी की जाती है गड़बड़ी

अवैध कॉलोनी काटने वाले किसान से कच्ची जमीन का सौदा कर लेते हैं। बाद में मुरम या मलबे की सड़क बनाकर बोरवेल कराते हैं और प्लॉट बेचना शुरू कर देते हैं। पैसे लेने के बाद किसान से ही सीधे नोटरी या रजिस्ट्री करा देते हैं। बाद में जब अवैध कॉलोनी पर कार्रवाई होती है तो किसान उलझ जाता है और गड़बड़ी करने वाले बच जाते हैं। प्रशासन ने 58 एफआइआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं, उनमें से अधिकांश प्रकरणों में ऐसा ही किया गया है।

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