
इंदौर. कहते हैं शादी सात जन्मों का बंधन है और ऐसा ही एक मामला इंदौर में सामने आया है। यहां बीते करीब साढ़े चार साल से एक दंपति तलाक का केस कोर्ट में लड़ रहे थे। लेकिन वक्त के साथ उनकी दूरियां बीते दिनों कुछ कम हुईं और वो एक दूसरे के साथ रहने के लिए राजी होते नजर आ रहे थे पर खुशियां परिवार में दस्तक देतीं इससे पहले ही कोरोना का कहर परिवार पर टूट पड़ा लेकिन कोरोना का कहर भी इन पति-पत्नी को अलग नहीं कर पाया और पति की मौत के चार दिन बाद ही पत्नी ने भी सदमे में संसार छोड़ दिया।
मौत भी नहीं कर पाई जुदा
इंदौर शहर के छावनी इलाके में रहने वाले दंपति मनीष व नेहा के बीच बीते साढ़े चार साल से कुछ ठीक नहीं चल रहा था। पति मनीष पत्नी नेहा से तलाक लेना चाहता था और इसलिए उसने 7 अक्टूबर 2016 को कोर्ट में केस लगाया था। लेकिन लगातार होने वाली काउंसलिंग के कारण मनीष और नेहा की गृहस्थी की गाड़ी एक बार फिर पटरी पर लौटती नजर आ रही थी। इसी बीच कोरोना ने इनकी जिंदगी में एंट्री ली और अप्रैल महीने की शुरुआत में ही पति मनीष कोरोना संक्रमित हो गया। संक्रमण काफी बढ़ गया था जिससे मनीष की तबीयत बिगड़ रही थी और जब इस बात का पता पत्नी नेहा को चला तो वो अपनी जिंदगी की परवाह किए बगैर पति की सेवा के लिए उसके पास पहुंच गई। पति की सेवा करते करते नेहा भी कोरोना की चपेट में आ गई। 16 अप्रैल को कोरोना संक्रमित मनीष की इलाज के दौरान मौत हो गई, पति की मौत का गम नेहा सहन नहीं कर पाई और 20 अप्रैल को उसकी भी मौत हो गई।
17 साल पहले हुई थी शादी
मनीष और नेहा की शादी 20 नवंबर 2003 को हुई थी। दोनों के दो बच्चे भी हैं जिनकी उम्र 17 साल व 14 साल है। माता-पिता के बीच दूरियां आने का गम झेल रहे इन बच्चों के जीवन में बीते दिनों माता-पिता के एक होने की जो उम्मीद जागी थी वो अब मनीष और नेहा के निधन के बाद हमेशा के लिए टूट चुकी है और दोनों के सिर से माता-पिता का साया उठ चुका है।
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Published on:
30 Apr 2021 05:55 pm
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