
Indore IDA Scheme (फोटो सोर्स: IDA Website)
Indore IDA Plot Scheme: इंदौर विकास प्राधिकरण (आइडीए) जल्द ही शहर के बीच आम लोगों के लिए 1500 प्लॉटों की दो टाउनशिप ला रहा है। ये योजनाएं रीजनल पार्क के सामने से राजेंद्र नगर के बीच होंगी, जिसमें अधिकांश प्लॉट 600 से 1000 वर्ग फीट के तो कुछ प्लॉट 1500 वर्ग फीट के रखे गए हैं। एक पार्ट का नक्शा पास हो गया है तो दूसरा प्रोसेस में है। ये प्लॉट नीलामी के बजाए लॉटरी से मिलेंगे।
आइडीए ने वर्ष 1984 में योजना 97 पार्ट 2 व 4 घोषित की थी, जिसमें बिजलपुर, तेजपुर गड़बड़ी और पिपल्याराव गांव की जमीन थी। इसकी 210 एकड़ जमीन को लेकर जमीन मालिकों ने हाईकोर्ट की शरण ली। कोर्ट ने प्राधिकरण के खिलाफ आदेश दिया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अधिग्रहण की कार्रवाई को सही ठहराया। अब प्राधिकरण ने पार्ट 2 की 32 हेक्टेयर व पार्ट 4 की 56 हेक्टेयर जमीन पर फिर से योजना लाने की योजना बनाई है। योजना 97 पार्ट 2 का नक्शा टीएंडसीपी से पास हो गया है तो दूसरे का नक्शा प्रोसेस में है। जुलाई के दूसरे सप्ताह तक उसे भी मंजूरी मिल जाएगी।
गौरतलब है कि जैसे ही सुप्रीम कोर्ट से प्राधिकरण केस जीता, वैसे ही जमीन मालिकों में हड़कंप मच गया। अवैध कब्जे कर लिए गए। इसके बाद आइडीए सीईओ आरपी अहिरवार ने जिला प्रशासन को पत्र लिखकर जमीन प्राधिकरण के नाम कराई। सर्वे दल भी बनाया, जिसकी रिपोर्ट के अनुसार 79.921 हेक्टेयर जमीन खाली मिली।
यह टाउनशिप 32 हेक्टेयर जमीन पर रीजनल पार्क के सामने पिपल्याराव से शुरू होकर तेजपुर गड़बड़ी गांव तक होगी। यहां अधिकांश प्लॉट छोटे आकार के निकाले गए हैं, लेकिन एमआर-3 और एबी रोड पर होने से पॉश लोकेशन वाले होंगे। निम्न आय वर्ग, सड़क, ग्रीन बेल्ट और अन्य सुविधाओं का ध्यान रखा जाएगा। शेष 13 हेक्टेयर में 800 से अधिक प्लॉट विकसित होंगे। इसके अलावा 30 हजार से 90 हजार वर्ग फीट के 6 प्लॉट कमर्शियल उपयोग के होंगे।
यह योजना तेजपुर गड़बड़ी, बिजलपुर व हुकमाखेड़ी की 56 हेक्टेयर जमीन पर है। आइडीए के पास 29 हेक्टेयर जमीन ही है। 50 फीसदी जमीन पर 700 से अधिक प्लॉट आवासीय व वाणिज्यिक तैयार किए जाएंगे। इनका साइज 1500 से 3000 वर्ग फीट रहेगा। 25 हजार से 30 हजार वर्ग फीट के 6 प्लॉट एबी रोड टच के हैं, जिनका व्यावसायिक उपयोग होगा। कुछ जमीन पर पूर्व में नक्शे पास होने से आइडीए को पूरी जमीन नहीं मिल पाई है।
योजना के खिलाफ जमीन मालिकों ने कोर्ट में याचिका लगाई थी और हाईकोर्ट ने दो फैसले आइडीए के खिलाफ दिए। इसके बाद अफसरों ने जमकर गड़बड़ी की। जमीन मालिकों को एनओसी जारी कर दी, जिसके आधार पर टीएंडसीपी से नक्शे पास हो गए। बवाल हुआ और एनओसी निरस्त कर दी। बाद में वस्तुस्थिति दी जाने लगी, जिससे नक्शे पास करवाकर बिल्डिंग तान दी गई।
कीमत पर नियंत्रण के लिए आइडीए नीलामी के बजाए लॉटरी सिस्टम से प्लॉट आवंटित करेगा। प्लॉटों को लेकर निविदा बुलाई जाएगी और फिर चिट्ठी के जरिए आवंटन किया जाएगा। इससे एक ही कीमत पर सभी को प्लॉट मिल सकेंगे। पूर्व में योजना 136 में प्लॉटों की नीलामी की गई थी, जिससे दो से तीन गुना कीमत पर प्लॉट बिके थे। इनमें से अधिकांश निवेशक थे।
सुप्रीम कोर्ट से केस जीतने के बाद योजना 97 पार्ट 2 व 4 पर नई योजना लाई जा रही है। एक योजना का टीएंडसीपी से नक्शा स्वीकृत हो गया है तो दूसरे की प्रोसेस जारी है। जल्द की आम जनता के लिए प्राधिकरण योजना जारी करेगा। इससे लोगों को फायदा होगा।
आरपी अहिरवार, सीईओ, आइडीए
Published on:
03 Jul 2025 11:39 am
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