
Gutkeshwar Mahadev Indore Garuda Tirtha Indore Devguradiya Temple
इंदौर. नेमावर रोड पर देवगुराडिय़ा स्थित गुटकेश्वर महादेव मंदिर शहर के प्राचीन मंदिरों में से एक है। यहां पूरी तरह से प्राकृतिक गौमुख से शिव का अभिषेक होता रहता है। सावन महीने में भगवान शिव पर निरंतर जलधार गिरती रहती है। इस तरह महादेव का अभिषेक स्वत: होता रहता है। पिंडी के ऊपर से यह जल मंदिर के पास बने कुंड में आता है। भक्त यहां भोलेनाथ का अभिषेक कर मन्नत मांगते हैं।
भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ ने यहां आकर भगवान शिव की तपस्या की थी। इसलिए इस स्थान का नाम देवगुराडिय़ा है। इस स्थान को गरुड़ तीर्थ के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर का निर्माण 18वीं सदी में देवी अहिल्याबाई होलकर ने करवाया था।
मंदिर में रहता है नाग का जोड़ा
इंदौर शहर से करीब 15 किमी दूर स्थित इस मंदिर में भगवान शिव के प्रिय माने जाने वाले नाग का जोड़ा भी रहता है। कभी कुंड में तो कभी शिवालय में ये नाग-नागिन भक्तों को दर्शन देते हैं। मान्यता है कि इनके दर्शन से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
कुंड बुझाता है पूरे गांव की प्यास
मंदिर के अंदर बना कुंड पूरे गांव की प्यास बुझाता है। इस जलकुंड में सालभर पानी भरा रहता है। मंदिर के अंदर के कुंड के अलावा यहां 5 कुंड और बने हैं। इनका पानी कभी खाली नहीं होता है।
Published on:
02 Aug 2021 08:44 am
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