Meghalaya Murder Case: 23 मई को पति राजा की हत्या के बाद सोनम कैसे इंदौर आई। यहां से कैसे वाराणसी और गाजीपुर पहुंची। सोनम के संपर्क में कौन रहा। किन लोगों ने फरारी में उसका सहयोग किया। ऐसे तमाम बिंदु पर पुलिस जांच करेगी। जांच दल को पता चला कि सोनम कथित प्रेमी राज की मदद से किराए की कार से वाराणसी पहुंची थी। कुछ दिन वहां रुकी। जब उसे पता चला कि राज व अन्य को पुलिस ने गिरफ्तार किया है तो खुद बस से उप्र के गाजीपुर पहुंची। फिर पैदल ढाबे पर गई।
खुद के अपहरण का ढोंग रच शिलांग में मौजूद भाई गोविंद से ढाबा संचालक की मदद से संपर्क किया। मेघालय पुलिस ने जानकारी दी थी कि सोनम ने पति की हत्या में सरेंडर किया है। गाजीपुर पुलिस ने सोनम को वन स्टॉप सेंटर रखा। यहां से उसे पटना भेजा गया। इस बीच उसने पुलिस टीम से कोई बात नहीं की। मेडिकल के दौरान सोनम को बापर्दा रखा गया। उस दौरान वहां हाथ जोड़ने की मुद्रा में रही। बाद उसे पुलिस टीम पटना से फ्लाइट से गुवाहाटी और फिर शिलांग लेकर पहुंची।
मेघालय पुलिस व इंदौर क्राइम ब्रांच टीम ने आरोपियों से पूछताछ की। फिर टीम आरोपी विशाल चौहान, आकाश राजपूत, आनंद कुर्मी सभी निवासी नंदबाग पहुंची। तीनों के घर एक ही गली में है। सभी एक-दूसरे के दोस्त हैं। टीम विशाल चौहान को उसके घर लेकर पहुंची। विशाल के परिजन उप्र शादी में गए हैं। टीम ने ताला तोड़ा और सर्चिंग के लिए घुसी। टीम हत्या से जुड़े सामान की तलाश में आई थी।
सूत्रों की मानें तो हत्याकांड के बाद तीनों आरोपी ट्रेन से इंदौर आ गए थे। उनके पीछे सोनम भी आ गई। राज अपने साथ सोनम को विशाल के घर ले आया। यहां सोनम रुकी थी। 25 मई को इंदौर आने के बाद वह दो दिन बाद राज की मदद से वाराणसी चली गई। पुलिस विशाल के घर से निकलकर आनंद के घर पहुंची। कमरे की चाबी मकान मालिक ने दी थी। टीम ने छानबीन की और फिर आकाश के घर पहुंची। घर लॉक होने से सर्चिंग नहीं हो सकी। टीम आरोपियों को लेकर रवाना हो गई।
सोनम के दोस्त ने बताया, सोनम के साथ स्कूल जाता था। उसकी लाइफ स्टाइल भी अच्छी थी। घर में दो महंगी कार थी। ड्राइवर कार से सोनम को दफ्तर लेकर जाता था।
Published on:
11 Jun 2025 12:56 pm