30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बल्ला-गल्ला और हल्ला वाली विधानसभा में खामोशी क्यों?

भाजपा के कब्जे वाली इस सीट पर फिलहाल दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दलों ने अपने प्रत्याशियों का ऐलान नहीं किया है

3 min read
Google source verification

इंदौर

image

Manish Geete

Oct 14, 2023

election1.png

इंदौर-3 विधानसभा सीट संभाग की सबसे महत्वपूर्ण सीट में से एक है। भाजपा के कब्जे वाली इस सीट पर फिलहाल दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दलों ने अपने प्रत्याशियों का ऐलान नहीं किया है। देश-प्रदेश में सुर्खिया बंटोरने वाला बल्ला कांड, व्यावसायिक वोटरों गल्ला का प्रभाव और सर्वाधिक चर्चा हल्ला वाली इस सीट पर चुनावी चौपाल तो जम रही है, लेकिन ऊपरी तौर पर सबकुछ खामोशी लिए हैं।

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय इस विधानसभा से विधायक निर्वाचित हुए हैं तो वहीं इस विधानसभा पर पहले बीजेपी की ही उषा ठाकुर भी विधायक रह चुकीं हैं। इस विधानसभा पर वर्ष 1977 में जनता पार्टी के राजेंद्र धरकर ने जीत दर्ज की थी, उसके बाद उन्हें कांग्रेस के महेश जोशी ने हरा दिया था। वर्ष 1980 से 1985 तक महेश जोशी काबिज रहे, लेकिन महेश जोशी को भाजपा के गोपीकृष्ण नेमा ने वर्ष 1990 में हरा दिया था।

ब्राह्मण-अल्पसंख्यक वोटरों का प्रभाव

यह सीट भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए अहम है। इस सीट पर सामाजिक गणित भी महत्वपूर्ण है। बदलावों के चलते एक दल को परंपरागत नहीं माना जाता। जानकार इस सीट को विधानसभा सीटों से अलग देखते हैं। ब्राह्मण और अल्पसंख्यक मतदाता निर्णायक रहते हैं। दोनों समाजों ने जिस प्रत्याशियों को अपना बहुमत दे दिया, उस प्रत्याशी की विजय इस सीट से हो जाती है। इंदौर का हृदय स्थल कहा जाने वाला यह क्षेत्र जैन समाज, मराठी समाज के साथ पिछड़ा वर्ग के वोटरों को भी अपने में समेटे हैं।

बदलता रहा समीकरण

वर्ष 1990 से 93 तक गोपीकृष्ण नेमा विधायक रहे और भाजपा के खाते में यह सीट रही। 1998 में अश्विन जोशी ने नेमा को हराकर कांग्रेस की झोली में यह सीट डाल दी। वर्ष 2003 में जोशी के पास यह सीट रही तो 2008 में भी जीत दर्ज की थी। 2013 में कांग्रेस के अश्विन जोशी को भाजपा की उषा ठाकुर ने हरा दिया। 2018 में आकाश ने जीत दर्ज की।

व्यावसायिक क्षेत्र से पटी विधानसभा

इंदौर-3 पुरानी विधानसभा सीटों में से एक है और पुराना इंदौर भी इसी क्षेत्र में मौजूद है। इसका अधिकतर हिस्सा व्यापारिक क्षेत्र में आता है। जेल रोड पर बड़ा मोबाइल मार्केट है तो कोठारी मार्केट, सियागंज, राजबाड़ा जैसे क्षेत्र भी इसी विस में आते हैं। व्याावसायिक क्षेत्र के साथ ही नौकरीपेशा वर्ग की भी खासी संख्या है।

वाहवाही लेने में उलझ गए आकाश विजयवर्गीय

आचार संहिता लगने के बाद इंदौर 3 से विधायक आकाश विजयवर्गीय ट्वीट कर बोरिंग कराए जाने की सूचना देकर उलझ गए हैं। कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से मामले की शिकायत कर दी, जिसकी जांच भी शुरू हो गई है। टीम ने मौके पर पहुंचकर पंचनामा बना लिया है। अब पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है जिसके चलते कोई भी नए काम नहीं हो सकते, लेकिन इंदौर 3 से विधायक आकाश विजयवर्गीय ने अपनी निधि से वार्ड 55 व 60 में बोरिंग करा दिए। मौके पर क्षेत्र के नागरिक भी मौजूद थे जिसकी जानकारी आकाश ने खुद ट्वीटर हैंडल पर पोस्ट कर दी। कांग्रेस की लीगल सेल के उपाध्यक्ष व वकील गौरव वर्मा ने मामले की शिकायत निर्वाचन आयोग से कर दी। आचार संहिता लगने के बाद बोरिंग कराने की जानकारी आकाश ने 12 अक्टूबर शाम 4 बजे सोशल मीडिया के माध्यम से दी। नियमानुसार आचार संहिता के बाद विधायक निधि से कोई काम नहीं हो सकता है। ये काम कैसे हो गया। इसको लेकर सवाल खड़े हो रहे हंै। शिकायत के बाद निर्वाचन आयोग की टीम ने मौके पर पहुंचकर बोरिंग की जांच कर पंचनामा तैयार किया है। जिसकी रिपोर्ट तीन नंबर विधानसभा के रिटर्निंग अधिकारी को पेश की जाएगी।

यह भी पढ़ेंः
मालवा निमाड़ की इन सीटों ने बढ़ा थीं सभी की धड़कनें, जानिए अब क्या है माहौल
राजनीति का गढ़ है यह चौराहा, जापानी कप में चाय पिलाई तो नाम पड़ गया 'टोरी कॉर्नर'
MP Election 2023: इंदौर के चुनाव में खींचतान, इस दिन होगा बड़ा खेल