
MP news: (फोटो: पत्रिका)
MP News: कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के विधानसभा क्षेत्र इंदौर-1 में भाजपा से जुड़े नेताओं की मनमानी सामने आई है। सड़क में बाधक सरकारी प्राथमिक स्कूल और आंगनबाड़ी भवन को क्षेत्र के छुटभैये नेताओं ने निजी ठेकेदार से तुड़वा दिया। ठेकेदार स्वीकार कर रहा है कि क्षेत्र के भाजपा से जुड़े नेता ने उसे तोड़ने का ठेका दिया है। निगम अफसरों ने भवन नहीं तोड़ने की बात कही है। इस बीच बच्चों की फजीहत हो गई।
बाणगंगा रोड पर जय हिंद नगर और बादल का भट्टा की मुख्य सड़क का चौड़ीकरण होना है। इसमें बाधक मकान लोगों ने स्वेच्छा से तोड़े हैं। यहां शासकीय प्राथमिक स्कूल बादल का भट्टा के भवन में कक्षा 5वीं और आंगनबाड़ी संचालित होती है। स्कूल भवन सड़क में बाधक है, जिसे निगम को तोड़ना था। निगम के बजाय क्षेत्र के नेता ने निजी ठेकेदार से स्कूल तुड़वा दिया। इसमें लेनदेन के आरोप भी लग रहे हैं। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि सड़क निर्माण से पहले ड्रेनेज और पानी की लाइन डालना है, स्कूल भवन बहुत पीछे है। इस तक पहुंचने में करीब एक साल लग जाता। आश्चर्य है कि इसके पहले के बाधक मकान जस के तस हैं, लेकिन स्कूल तोड़ दिया गया।
स्कूल का निर्माण 20 वर्ष पहले आइडीए ने किया था। फरवरी में नगर निगम ने सरकारी स्कूल को नोटिस दिया था, लेकिन दो दिन पहले जेसीबी मशीन लेकर निजी ठेकेदार ने स्कूल तोड़ दिया। ऐसे में आंगनबाड़ी की सहायिका ने सामने किराये पर एक कमरा लेकर जैसे-तैसे सामान शिफ्ट किया। बच्चे एक कमरे में पढ़ रहे हैं। स्कूल के बच्चों को मुख्य मार्ग पर सरकारी स्कूल में भेजा है।
सरकारी भवन तोड़ने वाले ठेकेदार प्रदीप देवलिया ने बताया, शुभम ने भवन तोड़ने को कहा और तोड़ने के एवज में मटेरियल मेरा हो गया। बदले में शुभम को यूपीआइ से पैसा दिया गया। शुभम भाजपा से जुड़ा है। शुभम का कहना है कि देवलिया ने यूपीआइ से पैसा दिया, लेकिन उससे मेरा लेनदेन था। देवलिया ने यूपीआइ से पैसा देकर नगद पैसा लिया है।
वार्ड 10 के बिल्डिंग अफसर अश्विन जनवदे ने बताया कि नगर निगम ने इस सड़क पर रिमूवल की एक भी कार्रवाई नहीं की है। जोनल अधिकारी मनोज जैन ने कहा कि स्कूल बाधक है। इसे निगम ने तोड़ा या नहीं, इसकी जानकारी इंजीनियर से लेनी पड़ेगी। सहायक रिमूवल अधिकारी बबलू कल्याणे ने कहा कि नगर निगम की टीम ने स्कूल भवन नहीं तोड़ा है। मालूम हो, निगम के जेडओ से लेकर बिल्डिंग अधिकारी की जानकारी में निर्माण कार्य हो रहा है, लेकिन सरकारी स्कूल भवन निजी ठेकेदार के जरिए बाले बाले तोड़ दिया गया। इसे एक साल बाद निगम को तोड़ना था। इतनी बड़ी गड़बड़ी के बाद भी अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं।
Updated on:
28 Nov 2025 12:50 pm
Published on:
28 Nov 2025 12:46 pm
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