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36 हजार शिक्षकों का सर्वे
शिक्षकों की चुनौतियों का हल खोजने के लिए विभाग ने आइआइएम इंदौर से 6 मॉड्यूल तैयार करवाए। प्रदेश के लगभग 36 हजार शिक्षकों का सर्वे किया गया। भावनात्मक Qj कार्य प्रबंधन की चुनौतियों को बारीकी से समझा गया। स्कूल शिक्षा विभाग के आयुक्त लोकेश जाटव ने कहा, शिक्षक तनावमुक्त रहेंगे तब ही उचित समय प्रबंधन कर पाएंगे। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का असर शिक्षकों की शिक्षण शैली में दिखेगा। शिक्षकों के साथ छात्रों को फायदा पहुंचेगा।
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इन प्रश्नों के आधार पर हुआ सर्वे
शिक्षकों से कार्य पद्धति, स्कूल शिक्षक बनने क्या आपको सबसे अधिक प्रेरित करता है, उनके क्या उत्तरदायित्व एवं भूमिका है। कार्यक्षेत्र में प्रमुख चुनौतियां क्या हैं। इन प्रश्नों के माध्यम से कक्षा 1ली से 12वीं तक के शिक्षकों का सर्वे किया।
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यह है प्रशिक्षण का लक्ष्य
प्रशिक्षण का लक्ष्य शिक्षकों में आत्मनिरीक्षण से क्षमताओं व चुनौतियों की समझ पैदा करना है। इस जागरूकता से कार्यक्षेत्र में बेहतर परिणाम सामने आएंगे। शिक्षकों को तनाव के कारणों को जानने के बाद इसे कम करने के तरीके सीखना होंगे।
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डायरेक्टर समेत 6 प्रोफेसर ने तैयार किया कार्यक्रम
आइआइएम इंदौर प्रशिक्षण के बाद बहुविकल्पीय प्रश्नों के आधार पर परीक्षा लेगा। इसमें मिलने वाले अंकों के आधार आइआइएम इंदौर प्रमाण-पत्र भी देगा। यह प्रोग्राम को तैयार करने में आइआइएम इंदौर के डायरेक्टर प्रो. हिमांशु राय, प्रो. प्रशांत सालवान, प्रो.श्रुति तिवारी, प्रो. रैना छाजेड़, प्रो.वैजयंती आनंद एवं अजीत फडऩवीस ने भूमिका निभाई।
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8-12 मिनट के वीडियो से प्रशिक्षण देंगे
आईआईएम इंदौर के डायरेक्टर प्रो.हिमांशु राय ने बताया कि, हजारों शिक्षकों से टेलीफोनिक चर्चा और प्रशासनिक अफसरों से विचार-विमर्श किया। शिक्षकों के सर्वे के माध्यम से यह जानने की कोशिश की, कि उन्हें किस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कैसे प्रशिक्षण की जरूरत है। इसमें सेल्फ, स्ट्रेस और टाइम मैनेजमेंट की तीन प्रमुख समस्याएं सामने आईं। तीनों विषयों पर 8 से 12 मिनट के दो-दो वीडियो तैयार किए हैं। इसके अलावा एक इंट्रोडक्टरी वीडियो तैयार किए हैं। वीडियो वॉट्सऐप, वेबसाइट पर अपलोड कर शिक्षकों तक पहुंचाएंगे।
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लगभग 8 महीने का लगा समय
वहीं, स्कूल शिक्षा विभाग की प्रिंसिपल सेक्रेटरी रश्मि अरुण शमी ने बताया कि, कोविड काल में महसूस किया कि शिक्षकों को सेल्फ मैनेजमेंट की जरूरत है। शिक्षक और शिक्षिकाओं की अपनी-अपनी चुनौतियां है। वे खुद का प्रबंधन करेंगे तभी विद्यार्थियों की शिक्षा पर ध्यान केंद्रित कर पाएंगे। इस प्रशिक्षण कार्यक्रण को आदर्श रूप में प्रस्तुत करना चाहते हैं। इस प्रोग्राम को तैयार करने में 6 से 8 महीने का समय लगा। इसे जल्द ही लॉन्च करेंगे। इसे दीक्षा एजुकेशन पोर्टल एवं वॉट्सऐप से शिक्षकों तक पहुंचाया जाएगा।
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